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'मुझे भारत के और हिस्से देखने हैं' एक पाकिस्तानी की नजर में कैसा है भारत?

Lahore to Delhi: दिल्ली और लाहौर कितने अलग कितने एक?

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India&Pakistan: भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक रिश्ते तनावपूर्ण होने की वजह से सरहद के दोनों तरफ रहने वाले लोगों के लिए एक-दूसरे के देश में जाना और वहां के बारे में जानना कठिन हो गया है. पर एक पाकिस्तानी के तौर पर मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे भारत आने का मौका मिला और हमारी साझा संस्कृति और इतिहास को महसूस करने का भी मौका मिला.

Lahore to Delhi: दिल्ली और लाहौर कितने अलग कितने एक?

मैं भारत और पाकिस्तान के पंजाब प्रांतों में वाघा-अटारी सीमा के माध्यम से भारत पहुंचा.

Photo: एहतेशाम हसन 

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हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के उर्स में शिरकत करने के लिए मैं नवंबर 2023 में एक हफ्ते के लिए दिल्ली आया था. हम पाकिस्तानी डेलीगेशन लाहौर से रोड के रास्ते वाघा बॉर्डर, अटारी बॉर्डर के रास्ते दिल्ली तक आए थे.

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निजामुद्दीन औलिया के उर्स के लिए मैं भारत आया था.

Photo: एहतेशाम हसन 

बचपन से हमने दिल्ली के बारे में बहुत कुछ पढ़ रखा है किताबों में, मूवीज में और टीचर्स से सुना है लेकिन वहां जाने का अनुभव बहुत अलग था, बहुत स्पेशल था और बहुत अच्छा भी था. दिल्ली में मैंने जामा मस्जिद, लाल किला, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट, राष्ट्रपति भवन देखा और कुतुब मीनार का इलाका तो बहुत दिलचस्प है. मैं नेशनल म्यूजियम, नेशनल रेल म्यूजियम में भी गया था.

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ऐतिहासिक इंडिया गेट पर 

Photo: एहतेशाम हसन 

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मैंने नई दिल्ली की जामा मस्जिद में भारत और पाकिस्तान के साझा इतिहास को फिर से याद किया.

Photo: एहतेशाम हसन 

मैंने नई दिल्ली की जामा मस्जिद में भारत और पाकिस्तान के साझा इतिहास को फिर से याद किया.

दिल्ली की सांप्रदायिक शांति- 'एक बेहतरीन अनुभव'

भारत की विविधता से भरी हुई धार्मिक संस्कृति मुझे बेहद अच्छी लगी. हिंदू मुसलमान सिख ईसाई हर किस्म के लोग वहां रह रहे थे और इकट्ठे रह रहे थे. पाकिस्तान में वैसा कल्चर देखने को नहीं मिलता है. पाकिस्तान में वो मुमकिन नहीं है, यहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं. 96-97 % मुस्लिम हैं. हर किस्म के लोगों को शांति से रहते एक पाकिस्तानी के तौर पर देखना मेरे लिए एक बहुत अच्छा अनुभव था

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कुतुब मीनार, सीधा होकर मुझे हमारे ऐतिहासिक अतीत की झलक देता है.

Photo: एहतेशाम हसन 

पहाड़गंज की भीड़ भरी गलियां- एक चुनौती

हमारा होटल पहाड़गंज के अंदर था. आप जानते हैं कि पहाड़गंज बहुत भीड़-भाड़ वाले इलाका है, वहां बहुत शोर होता है, बहुत गाड़ियां होती हैं. रिक्शे वालों को लेकर मेरा जो उस इलाके का अनुभव था, वो बहुत अच्छा नहीं था. पाकिस्तान भी काफी जनसंख्या वाला देश है लेकिन पाकिस्तान का एक भी शहर दिल्ली जैसा भीड़ वाला नहीं है.

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भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप देखना- जीवन भर की याद 

दिल्ली में मैच देखना मेरे लिये बहुत ज्यादा खास था. मैंने फिरोज शाह कोटला में जो वर्ल्ड कप का मैच देखा. ये लीग मैच था और बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच खेला जा रहा था.

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मैंने फिरोज शाह कोटला में बांग्लादेश बनाम श्रीलंका क्रिकेट विश्व कप ग्रुप स्टेज मैच देखा.

Photo: एहतेशाम हसन 

एक पाकिस्तानी क्रिकेट फैन के तौर पर फिरोज शाह कोटला के बारे में सबको पता है.

मैंने बेशुमार मैच देखे. क्रिकेट स्टार्स को देखा और साथ ही भारत के स्टेटडियम की क्वालिटी पाकिस्तान के स्टेडियम से बहुत अच्छी थी. हमे भारत से सबक लेना चाहिए.

पाकिस्तान छोड़ कर आए लोगों से मुलाकात

इस पूरी यात्रा में सबसे भावुक सबसे खास पल वो था, जब मैं अपने डेरा इस्माइल खान के पुराने बाशिंदों से मिला. डेरा इस्माइल खान मेरा घर है. जब मैं दिल्ली आया तो मैं कुछ ऐसे परिवारों से मिला जो डेरा इस्माइल से बटवारे के वक्त बेघर हो गए थे.

बिनसर बाई, जो पाकिस्तान से भारत आ गई, अपने पाकिस्तानी दिनों को याद करते हुए कहती हैं, ''लोग डेरा इस्माइल खान से मेरे घर दरया खान किराए पर रहने आते थे. तब किराया केवल 10 पैसे था मगर लोग वो भी नहीं दे पाते थे.''

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विभाजन के दौरान पाकिस्तान से आए एक बुजुर्ग दंपति के घर पर.

Photo: एहतेशाम हसन 

मेरा पूरा परिवार चाचा ताऊ सब वहीं रहते थे. दरिया खान तो छूट गया, सब अलग हो गये लेकिन हमें सब याद है.

हमारी आगे की बातचीत में वो कोटला जाम का नाम लेती हैं, जहां उनकी शादी हुई थी.

भारत देखने की मेरी ख्वाहिश है

आज भी करीब 90% लोग भारत पाकिस्तान में ऐसे हैं, जो एक दूसरे से नफरत नहीं करते. हकीकत है कि हम एक जैसे लोग हैं और हमे एक दूसरे से बहुत मोहब्बत है. जो पोलिटिकल लोग हैं, जो फैसला करने का इख्तियार रखते हैं, उन्हें होश आये. और हम पर रहम आए कि हम भारत और पाकिस्तान के लोगों के दरमियान जो हमने नफरत की दीवारें खड़ी की हैं, उन्हें गिरा दें. लाखों पाकिस्तानी भारत को और लाखों भारतीय पाकिस्तान को देखना चाहते हैं. मैं भारत को और देखना चाहता हूं. मैं जयपुर, कोलकाता, केरल सब देखना चाहता हूं. उम्मीद करता हूं एक दिन ऐसा होगा.

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