वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई
हम, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) के छात्र, फीस स्ट्रक्चर में बढ़त के खिलाफ 3 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसी भी मध्यम वर्गीय छात्र या समाज के कमजोर वर्ग से आने वाले छात्रों के लिए ये फीस दे पाना बहुत मुश्किल है.
28 नवंबर को हमें मिले नोटिस ने चौंकाया जिसमें लिखा था कि छात्रों को दूसरे सेमेस्टर की फीस 15 जनवरी, 2020 तक जमा करनी होगी.
भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है. आईआईएमसी की स्थापना साल 1965 में हुई थी और ये देश का सर्वश्रेष्ठ सरकारी मीडिया संस्थान माना जाता है.
छात्रों ने सभी के लिए हॉस्टल सुविधा की मांग उठाई है.
“यहां लगभग 250 छात्र हैं. लड़कों का छात्रावास हर किसी के लिए पर्याप्त नहीं है. ट्रिपल शेयरिंग रूम के लिए फीस 5,250 रुपये है.”अंजनी, रेडियो और टीवी पत्रकारिता छात्र
अंग्रेजी पत्रकारिता की एक स्टूडेंट का कहना है कि, 10 महीने के कोर्स के लिए 95,000 से अधिक फीस और हॉस्टल और मेस चार्ज अलग से देना पड़ता है. किसी भी मिडिल क्लास परिवार के छात्र के लिए यह फीस दे पाना बहुत मुश्किल है. ऐसे में संस्थान में कई छात्र हैं, जिन्हें पहले सेमेस्टर के बाद कोर्स छोड़ना होगा.
इसके अलावा लाइब्रेरी को 24 घंटे खोले रखने, सैनिटरी नैपकीन मशीन की भी मांग छात्र कर रहे हैं.
(द क्विंट ने आईआईएमसी से प्रतिक्रिया जाननी चाही है, प्रतिक्रिया मिलते ही हम इस स्टोरी को अपडेट करेंगे.)
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