27 मई को CA का फाइनल एग्जाम दिया, ये मेरा चौथा अटेम्प्ट है. मैं ये एग्जाम क्लियर कर लेता और आज चार्टेड अकाउंटेंट होता. मुझे पास होने के लिए 13 मार्क की जरूरत थी, जब मैंने अपनी आंसर शीट देखी तो मैं ये देख कर चौंक गया कि मुझे ऑडिट में 32 नंबर मिले हैं जितना मेरा पास होने के लिए जरूरी था. लेकिन मेरे 13 नंबर काट लिए गए और अब रिजल्ट में मेरे 19 नंबर हैं.
ऐसी गड़बड़ी के लिए CA के और भी कई उम्मीदवार देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के छात्रों ने 23 सितंबर को दिल्ली के ITO के सामने दोबारा मूल्यांकन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. #dearICAIpleasechange ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा है.
इस तरह के कई केस में छात्रों के करियर के साथ खिलवाड़ किया जाता है. जैसा कि मैंने पहले बताया मुझे ऑडिट में 32 नंबर मिले थे और टोटल 187 मार्क्स आए, मुझे पास होने के लिए 13 नंबर की जरूरत थी और सिर्फ 13 नंबर ही काटे गए हैं.
क्या ICAI मार्किंग में गड़बड़ी कर रही है?
उन्होंने हर आंसर में नंबर काटे हैं, मुझे जहां 2 नंबर मिलना चाहिए थे, वहां मुझे 1 नंबर दिया गया है. मेरा आंसर सजेस्टेड आंसर से मिलने के बावजूद मेरे नंबर काटे गए. एक और सवाल में मुझे जहां 4 नंबर मिलना चाहिए था, वहां मुझे 2 नंबर मिला है.
ये सब क्या है? इन सब के पीछे क्या वजह है? मेरे पास दोनों सवालों के कोई जवाब नहीं है.
ऐसा लग रहा है कि वो छात्रों के करियर से खेल रहे हैं! मार्कशीट के साथ एक OMR शीट अटैच की गई है. मैं इसका क्या करूं? इसमें ये पता नहीं लगता है कि मुझे कितने नंबर मिले हैं. अब हम पूरी एग्जाम की फीस दे रहे हैं तो हम इतना मांग रहे हैं कि मूल्यांकन दोबारा हो.
हालांकि 21 सितंबर को ICAI ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि आंसर शीट का डिजिटल मूल्यांकन किया गया है.
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