वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम
कभी फ्लेक्सी फेयर तो कभी कुछ और, पिछले पांच साल में रेल का किराया बढ़ता गया, रेलवे चमक गया इसकी बातें तो खूब हुईं लेकिन आज भी ज्यादातर ट्रेनों में टिकट मिलना मुश्किल है. ट्रेनें समय से नहीं चलतीं. साफ-सफाई की कमी अभी भी है. ऐसे में आम बजट 2019 से रेल यात्रियों की बड़ी उम्मीदें हैं. हम आपको सुविधाओं की आस में खड़े एक ऐसे ही स्टेशन पर ले चलते हैं.
झारखंड के देवघर जिले में जसीडीह जंक्शन के हालात बहुत ही खराब हैं. यहां न ही साफ शौचालय है, न ही बैठने की अच्छी व्यवस्था.
2009-2010 के रेलवे बजट में 49 स्टेशनों को मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स बनाने की बात की गई थी, जिसमें जसीडीह जंक्शन भी एक था. मतलब ये कि स्टेशन पर ही यात्रियों को शॉपिंग, फूड स्टॉल और रेस्टोरेंट, बुक स्टॉल, पीसीओ / एसटीडी / आईएसडी / फैक्स बूथ, दवा जैसी तमाम सुविधाएं देने की बात की गई थी. लेकिन स्टेशन पर इस तरह का कुछ भी नजर नहीं आता है.
मनीष पांडेय की ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर आई. वो बताते हैं-
मैं अभी प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर उतरा हूं. मुझे शौचालय जाना था लेकिन शौचालय की हालत इतनी खराब थी कि मैंने बाहर बने शौचालय में पैसे दिए और गया.मनीष पांडेय, यात्री
इस तरह की शिकायत करने वाले पांडेय ही केवल इकलौते यात्री नहीं थे, एक अन्य यात्री मंजुल प्रसाद भी जसीडीह स्टेशन के हालात से खुश नहीं थे.
पानी की सुविधा नहीं है, बैठने की सुविधा नहीं है. पंखे नहीं चल रहे हैं.मंजुल प्रसाद, यात्री
पांडेय ने सरकार से जनरल डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए सुविधा मुहैया कराने की गुजारिश की. उन्होंने कहा- “सरकार इस सिस्टम में काम करने वालों पर नजर रखें, क्योंकि बहुत खराब स्थिति हो गई है. जनरल डिब्बे में काफी लोग हैं और उसमें भी हमारे जैसे लोग ज्यादा हैं, जो एकदम से अपना प्लान बनाते हैं और जनरल में जाने के लिए बाध्य हो जाते हैं. ऐसे में सरकार को थोड़ा ध्यान देना चाहिए.बोगी बढ़ाना चाहिए”.
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