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झारखंड: पानी की किल्लत, क्या देवघर की जनता 1 साल तक रहेगी प्यासी?

झारखंड का जिला देवघर पूरी तरह से ड्राई जोन में तब्दील हो गया है.

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वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा, मोहम्मद इरशाद आलम

वीडियो प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी

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झारखंड का जिला देवघर पानी के गंभीर संकट से जूझ रहा है. इलाका पूरी तरह से ड्राई जोन में तब्दील हो गया है. हालात ऐसे हो गए हैं कि यहां हर तरफ पानी के लिए मारामारी शुरू हो गई है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी का कनेक्शन लेने के बाद भी 8 से 10 दिनों में एक बार पानी का दर्शन होता है. पानी सिर्फ 15 से 20 मिनट के लिए ही उपलब्ध हो पाता है, जो काफी नहीं है.

वहीं इस समस्या को लेकर नगर निगम भी कोई ठोस उपाय नहीं निकाल पा रहा. अब ऐसे में लोगों को या तो खरीद कर पानी पीना पड़ता है या फिर टैंकर के भरोसे ही रहना पड़ता है.

देवघर नगर निगम की व्यवस्था दिन-ब-दिन सुस्त होती जा रही है. देवघर में पानी का स्तर नीचे जा रहा है, जो आम जनता के लिए बहुत ही दिक्कत की बात है. हम जैसे लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है.
प्रवेश दत्ता, स्थानीय  
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अधिकारियों का कहना है कि पानी की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए जरूरी योजनाओं पर काम किया जा रहा है.

शहरी जल आपूर्ति पाइप लाइन से पूरी होती है. लोगों को घरों तक सप्लाई दी जा रही है. लगभग 2 सालों से बारिश कम होने के कारण नदी सूख गई है. ‘पुनासी जलाशय परियोजना’ के माध्यम से शहर के अंदर तीसरे फेज का काम चल रहा है. लगभग एक साल में तीसरे फेज में पाइपलाइन बिछाई जाएगी और हर घर में पानी पहुंचाया जाएगा.
अफसर, पेयजल और सैनिटेशन डिपार्टमेंट

विभाग के मुताबिक, ‘पुनासी जलाशय योजना’ का काम तीसरे फेज में पूरा होगा और एक साल के अंदर पूरे देवघरवासियों को पानी हर घर में पहुंचाया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि क्या देवघर की जनता एक साल तक प्यासी रहेगी?

देखिए देवघर से सिटिजन रिपोर्टर जीतन कुमार की My रिपोर्ट.

झारखंड का जिला  देवघर पूरी तरह से ड्राई जोन में तब्दील हो गया है.

(लेखक देवघर निवासी एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी दलों के दावों / आरोपों की जांच करता है, रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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