वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा
वीडियो प्रोड्यूसर: ज़िजाह शेरवानी
कोलकाता के अस्पतालों से करीब 300 नर्सों ने या तो इस्तीफा दे दिया है या फिर मणिपुर में अपने घर चली गई हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच, नर्सों के काम छोड़ने से कोलकाता के अस्पताल मुश्किल में आ गए हैं.
मणिपुर लौटीं नर्सों ने बताया कि उनके नौकरी छोड़ने पर इतना हल्ला क्यों हो रहा है. अपनी साइड बताते हुए नर्सों ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, बल्कि कई अन्य कारणों के कारण अस्पताल छोड़ा है.
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने एचआर और डीएनएस टीम से बात की और लौटने से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी कीं. उन्होंने आगे कहा कि सभी वापस लौटने के वादे से घर आई हैं, इसलिए छोड़ने का सवाल ही इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता.
कई कारणों से नर्सों ने कोलकाता के अस्पतालों को छोड़ने का फैसला लिया है.
1. COVID-19 मरीजों के संपर्क में आने पर क्वॉरन्टीन या टेस्ट नहीं
नर्सें कोरोना वायरस मरीज के संपर्क में आने के बाद क्वॉरन्टीन या टेस्ट की मांग कर रही हैं, लेकिन अस्पताल न उन्हें सेल्फ-आइसोलेट होने दे रहा है और न ही उनका टेस्ट कर रहा है.
उन्हें डर है कि वापस हॉस्टल पहुंचकर वो अपने फ्लैटमेट्स को जोखिम में न डाल दें.
2. सेफ्टी के उपायों की कमीं
नर्सों ने शिकायत की कि सेफ्टी प्रोटोकॉल को फॉलो नहीं किया जा रहा है. पीपीई किट और एन-95 मास्क को दोबारा इस्तेमाल करना भी एक चिंता है, क्योंकि इससे उन्हें इंफेक्शन का खतरा होता है.
3. मकान मालिक और पड़ोसियों का भेदभाव
नर्सों का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट से आने पर उन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है और लोग उन्हें 'कोरोना' जैसे शब्दों से पुकार रहे हैं.
जहां नर्सें रहती हैं, वहां लोगों ने उन्हें इतना परेशान कर दिया है कि मकान मालिक ने उन्हें रखने से मना कर दिया है.
“कोरोना वायरस के डर से मकान मालिक ने हमें रहने से मना कर दिया है. इन सब के बीच हम अपनी ड्यूटी कैसे करें? जब हमारी बस आती है तो हमारे आस-पास रहने वाले लोग हमें ‘कोरोना बस’ कह कर परेशान करते हैं.”नर्स स्टाफ
सेफ्टी प्रोटोकॉल न फॉलो करने से लेकर क्वॉरन्टीन और टेस्ट नहीं करना, नर्सों का कहना है कि कोलकाता में न रहकर घर लौटने के उनके कई कारण हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें सही से खाना भी नहीं दिया जा रहा है.
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