पिछले कुछ हफ्ते मेरे लिए वास्तव में बहुत अच्छे रहे हैं, क्योंकि मुझे 2019 से जिस समस्या से जूझना पड़ रहा था, उसका समाधान हो गया है. मेरा नाम श्रेया मित्तल है और मैंने दिल्ली के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में भौतिकी और खगोल भौतिकी विभाग से पीएचडी की है.
मुझे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) से दो साल का फेलोशिप वजीफा मिलना था, लेकिन एक मानवीय त्रुटि के कारण, मुझे अभी 1 साल और 5 महीने का वजीफा मिला है, और 7 महीने का वजीफा जो 3 लाख के आस-पास है वो कट गया था.
मैंने सीएसआईआर के प्रमुख से लेकर पीएमओ तक कई लोगों को लिखा था और यहां तक कि एक आरटीआई भी दायर की थी, लेकिन मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ. अंत में मैं अपने समाधान के लिए क्विंट के पास पहुंची. मेरी कहानी 3 जून 2022 को द क्विंट के माई रिपोर्ट सेक्शन में प्रकाशित हुई थी.
मैंने उम्मीद नहीं की थी कि मेरी समस्या का समाधाना इतनी जल्दी हो जाएगा. मेरी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, मुझे एक-दो दिन के अंदर सीएसआईआर से मेल आया जिसमें मेरी समाप्ति को रद्द किया गया. मेल में लिखा था कि मुझे मेरा 7 महीने का वजीफा मिलेगा. इसके बाद 2 या 3 हफ्तों के अंदर मेरे वजीफे की देय राशि मेरे बैंक खाते में पहुंच गई.
मैं द क्विंट की पूरी टीम को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया और इस काम के लिए काम किया. यह आप सभी की वजह से है कि हम शोधकर्ताओं के पास आवाज उठाने की ताकत है.
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