वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
मैं इंडियन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ICLU) के अन्य सदस्यों के साथ, संगठन को SOS कॉल आने के बाद, बुधवार 26 फरवरी शाम को जगतपुरी पुलिस स्टेशन गई थी.
“हमें खुरेजी खस के लोगों से एक एसओएस कॉल मिला कि विरोध प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया जा रहा है, और कुछ नाबालिगों के साथ कुछ लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है.”-अभीष्ट हेला, एडवोकेट, ICLU
इसलिए ICLU के वकीलों की एक टीम जगतपुरी पुलिस स्टेशन पहुंची और पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे धारा 41 (d) सीआरपीसी के तहत एक आवेदन दाखिल करके उन्हें हिरासत में लिए गए लोगों से मिलने दें. उन्होंने मना कर दिया, और एक रिसीविंग दी और कहा कि कोई वरिष्ठ अधिकारी पुलिस स्टेशन में नहीं है और हम लोगों को इंतजार करना चाहिए.
हमें यह भी पता नहीं था कि कितने लोगों को हिरासत में लिया गया था. हम लगभग दो घंटे तक वहां थे. हम वहां इंतजार कर रहे थे, पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे.
जब यह सब चल रहा था, एक पुलिस अधिकारी ने वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. हम ये साफ तौर पर देख सकते थे कि वह एक वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था. वह महिला वकीलों का वीडियो बना रहा था जिससे हम नाराज हो गए और हमने वीडियो को हटाने की मांग की.
एक और सिपाही आया और उसने हमें धकेलना शुरू कर दिया. मैं रिकॉर्ड करने लगी जो कुछ भी हो रहा था. ये वो फुटेज है, उनमें से एक पुलिसकर्मी आया और उसने मेरे हाथ से फोन छीन लिया. मैं चिल्लाई, उसके बाद उन्होंने मेरा फोन वापस कर दिया.
लेकिन उसके बाद उन्होंने लाठियों से, रॉड से हमें पीटना शुरू कर दिया.
मैं रिकॉर्ड कर रही थी तो एक लंबा-चौड़ा पुलिसकर्मी आया, उसने मुझे आकर मारा. मैं उसपर चिल्लाई. लेकिन मैं वहां अकेली नहीं थी, वहां और भी वकील थे. ICLU के प्रमुख अनस को सिर पर लाठी से मारा गया. कई महिला वकीलों के साथ धक्का-मुक्की हुई. पुरुष पुलिसकर्मियों ने हमें धकेला. वहां महिला पुलिसकर्मी भी थी जो बाद में आई, लेकिन वहां पुरुष पुलिसकर्मी थे, जो महिलाओं को मार रहे थे.
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