पाकिस्तान में इस साल भयानक बाढ़ (Pakistan Floods 2022) की वजह 1508 लोगों की मौत हो गई. इसमें करीब 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए है, इसके अलावा 18 लाख से ज्यादा घर पूरी तरह से तबाह हो गए. डेरा इस्माइल खान से क्विंट को यह रिपोर्ट पाकिस्तान के सिटिजन जर्नलिस्ट इनामुल्लाह ने भेजी है. हाजी पोरा, पाकिस्तान के डेरा इस्माइल खान में एक छोटा सा गांव है. बाढ़ की वजह से यहां के लोगों का सब कुछ तबाह हो गया है.
बाढ़ आने ऐसे हालात सामने आए हैं कि लोगों के लिए गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है और हरे-भरे खेत अब बंजर बन चुके है.
बता दें कि बाढ़ आने से पहले यहां लोग साधारण जीवन जीते थे, लेकिन बाढ़ ने सब तबाह कर दिया. इतना ही नहीं लोगों का राशन, फसलें और घर भी तबाह हो गए हैं. गांव के ज्यादातर लोग किसान या मजदूर हैं, अब इनके पास रहने को घर नहीं है इसलिए टेंट में जीवन यापन कर रहे है.
हाजी मोरा के लोग सरकार से मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं.
स्थानीय निवासी कनीजान बीबी का कहना है कि उनके सात बच्चे है, लेकिन अब इनके पास मकान नहीं है. बाढ़ की वजह से सब बेघर हो गए हैं.
हाजी मोरा के निवासी इकराम ने कहा कि
जब बाढ़ आई तो किस्मत से मेरे परिवार वालों की जान बच गई, लेकिन हमने अपना राशन और सारी जरूरी चीजें खो दी हैं. सरकार की तरफ से भी अब तक कोई मदद नहीं आई है.
इलाके के निवासी हयातुल्लाह के लिए अब नया घर बनाना एक ख्वाब सा हो गया है. उन्होंने कहा कि एक कमरा बनाने के लिए 12,000 ईंटें लगती हैं. 1000 ईंटों की कीमत ही 12,000 रुपये है. ऐसे में मुझे मकान बनाने के लिए करीब 1,50,000 से 1,75,000 रुपये खर्च करने होंगे, हमें मदद की जरूरत है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने एक बयान में कहा कि
लगातार बारिश ने पूरे देश में तबाही मचा दी है. नुकसान का अभी पूरा अंदाजा नहीं लगाया जा सका है. इसकी तुलना 2010 की बाढ़ से ही की जा सकती है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का सहानुभूति, संवेदना और मदद के लिए शुक्रिया. हम मिलकर इसे फिर से संवारेंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)