भारत में थर्मल पावर प्लांट कोयले की कमी से गुजर रहे हैं, जिससे उनकी बिजली उत्पादन प्रक्रिया प्रभावित हुई है. इसका असर झारखंड समेत कई राज्यों पर पड़ा है. झारखंड के देवघर को उसकी मांग के अनुसार पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं मिल रही है, जिससे शहर में लगातार लोड शेडिंग हो रही है.
टॉर्च की रोशनी में अपने बच्चों को पढ़ाना मांओं के लिए रात में एक आम नजारे की तरह हो गया है. प्रीति एक ऐसी मां हैं, जो अपनी बेटी को स्कूल के होमवर्क में मदद कर रही हैं.
"देवघर बड़े पैमाने पर बिजली कटौती के मुद्दों का सामना कर रहा है. आप देख सकते हैं, मैं अपने बच्चे को यहां रात में एक अपार्टमेंट की इमारत के सामने छत पर पढ़ाने की कोशिश कर रही हूं. वह मेरे फोन की फ्लैशलाइट का उपयोग करके छत पर होमवर्क कर रही है और दूसरे अपार्टमेंट से आने वाली रोशनी की मदद से. वे बिजली प्राप्त करने के लिए जनरेटर का उपयोग कर रहे हैं जो हमारे लिए संभव नहीं है."प्रीति सिंह, नि्वासी
दिन के समय भीषण गर्मी में शहर के लोगों को अपना काम करने में काफी परेशानी हो रही है. यहीं के रहने वाले मुकेश पासवान का कहना है कि बिजली की कमी से उनकी कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है.
"इस भीषण गर्मी के मौसम में, हम लगभग 7-8 घंटे बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं. इससे हम सभी पीड़ित हैं. पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है. हम न तो रात को सो पा रहे हैं और न ही दिन में काम के दौरान काम कर पा रहे हैं.मुकेश पासवान
"हम व्यवसायी हैं. हमारी दुकान में, बिजली एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. हमारा काम कम से कम 80% बिजली पर निर्भर है. बिजली कटौती के कारण हम प्रभावित होते हैं और हमारी बिक्री प्रभावित होती है."मोहम्मद मुनीब, व्यवसायी
चूंकि यह परीक्षा का समय है तो सलिए कई निवासियों ने शिकायत की है कि यह छात्रों के रिजल्ट को प्रभावित करने वाला है. साथ ही बिजली कटौती से वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों को परेशानी हो रही है.
देखना होगा कि देवघर के लोगों को इस स्थिति से कब निजात मिलेगी. लोग पिछले एक महीने से परेशान हैं. देवघर के निवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा.
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