Russia Attack Ukraine: यूक्रेन के डोंबास में स्थित अलगाववादी क्षेत्रों के ऊपर यूक्रेन और रूस के बीच पिछले एक महीने से तनाव चल रहा था. रूस इन इलाकों के अलगाववादी विद्रोहियों की मदद करता है. यह तनाव आज (गुरुवार, 24 फरवरी) को युद्ध में तब बदल गया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के ऊपर सैन्य कार्रवाई का आदेश दे दिया.
और इन सबके बीच यूक्रेन में पढ़ाई करने आये हम भारतीय छात्रों ने युद्ध के बीच खुद को घिरा हुआ पाया. हमारी नींद विस्फोटों की आवाज से खुली और जल्द ही हमें अहसास हुआ कि यूक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है, हम सब के बीच बेचैनी है.
“यहां ओडेसा में अत्यधिक बमबारी हो रही है. विस्फोट ओडेसा के बीचों-बीच हो रहा है, वो शहर जिसमें मैं रहता हूं. स्टूडेंट हॉस्टल के पास भी बमबारी हुई है और लोग उसके वीडियो भी भेज रहे हैं. उसी के कारण बहुत बेचैनी है.”फिरोज अहमद खान, छात्र
यूक्रेन ने मार्शल लॉ लागू कर दिया है. मार्शल लॉ के कारण यातायात पर पाबंदी है और इसी कारण आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा बंद है.
“आज इंडिया से जो फ्लाइट आने वाली थी, हम उसका इन्तजार कर रहे थे. लेकिन एयरस्पेस बंद होने के कारण वो नहीं आ सकी. किसी भी देश से कोई फ्लाइट अब यहां लैंड नहीं सकती. कई स्टूडेंट जो अपनी फ्लाइट लेने कीव गए थे अब वहां फंस गए हैं. यहां सब लोग बहुत कंफ्यूज हैं क्योंकि हमें कोई भी स्पष्ट गाइडलाइन्स नहीं दिया गया है."हिमांशु नैन, छात्र
शहर में पूरी तरह अफरा-तफरी है. एटीएम और किराने की दुकान के बाहर लंबी-लंबी लाइनें हैं.जो लोग शहर छोड़ कर जा सकते हैं जो जी-जान से देश छोड़ना चाहते हैं. यही कारण है कि हाईवे पर पूरी तरह से जाम लगा हुआ है. जो देश छोड़ कर नहीं जा सकते हैं, वो बदतर स्थिति के लिए जरूरी सामान जमा कर रहे.
यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने कई नोटिफिकेशन जारी किए हैं. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लिखे एक लेटर में राजदूत ने कहा कि
“मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि आप जिस जगह को अच्छे से जानते हैं वहीं रहें. जो रास्ते में हैं वो कृपया रहने के परिचित स्थान पर वापस आ जाएं… जो राजधानी कीव में में रहते हैं वो कृपया अपने दोस्त, अपने सहकर्मी, यूनिवर्सिटी और समुदाय के दूसरे लोगों के पास जाएं ताकि आप उनके यहां अस्थाई तौर पर रह सके."पार्थ सत्पथी, यूक्रेन में भारत के राजदूत
हम उम्मीद करते हैं कि भारत से हमारे लिए जल्द ही मदद आएगी क्योंकि स्थिति यहां बहुत तनावपूर्ण है. टिकट के बढ़ते दाम के कारण हममें से कई पहले भारत नहीं जा सके.
“यहां जो आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट हैं उनके बारे में कौन सोचेगा? जो महंगे टिकट खरीद सकते थे वो पहले भी भारत जा चुके हैं. लेकिन जो नहीं खरीद सकते उनका क्या ?
हमने सुना है कि भारतीय दूतवास फंसे लोगों को दूसरे रास्ते से बाहर निकालने की कोशिश में है. हमे कहा गया है कि हम अपने पासपोर्ट, डॉक्यूमेंट के साथ बैग तैयार रखे. जब भी संभव होगा हमें दूसरे देश के रास्ते बाहर निकाला जाएगा.
उम्मीद है कि यह जल्द ही होगा क्योंकि बीतते समय के साथ बम विस्फोटों में तेजी आई है और हम नियमित अंतराल पर उनकी आवाज सुन सकते हैं.
यदि भारतीय दूतावास जल्द ही हमारी मदद के लिए आगे नहीं आता है, तो हम बहुत बड़े खतरे में होंगे क्योंकि हम विस्फोटों से आ रहे कंपन को सुन और महसूस कर सकते हैं. प्लीज हमें निकालने में मदद करें. प्लीज!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)