वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के ग्लोकल मेडिकल कॉलेज में पिछले 3 सालों से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने छात्रों को एडमिशन देने पर रोक लगा रखी है, बार-बार निरीक्षण में फेल होने के बाद एमसीआई को ये कदम उठाना पड़ा.
आप प्री और पोस्ट ऑपरेटिव रूम देखने के बाद अंदाजा लगा सकते हैं कि एमसीआई ने ये कदम क्यों उठाया. यहां आपको एक भी मरीज नहीं दिखेगा. कोई स्टाफ, इंफ्रास्ट्रक्चर और जरूरत की सुविधाएं भी नहीं हैं. लैब में कोई भी उपकरण नहीं है. छात्रों को ऐसे ही छोड़ दिया गया है. पिछले 20 दिनों से यहां प्रर्दशन हो रहे हैं.
एमसीआई के नियम के मुताबिक अगर किसी कॉलेज में लगातार 5 साल से कोई बैच नहीं निकला, तो कॉलेज को मान्यता नहीं मिलेगी. अगर कॉलेज को मान्यता नहीं मिलेगी तो छात्रों को डिग्री भी नहीं मिलेगी. इस कॉलेज में 3 साल से नए एडमिशन नहीं हुए हैं.
अगर छात्रों को एक ‘मान्य’ डिग्री नहीं मिलेगी तो उसकी वजह से छात्र न आगे पढ़ सकते हैं और ना ही कहीं प्रैक्टिस कर सकते हैं, छात्रों को वहां से सिर्फ मार्कशीट मिलेगी, डिग्री नहीं. छात्रों की मांग है कि उन्हें किसी दूसरे मान्यता प्राप्त कॉलेज में ट्रांसफर किया जाए.
पिछले 6 महीने से हम ये लड़ाई लड़ रहे हैं कि हमें किसी दूसरे मान्यता-प्राप्त कॉलेज में ट्रांसफर किया जाए. लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई. ये खेल करीबन 7 महीने से हो रहा है और हम प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस पर कार्रवाई की जाए.मन्नू सांगवान, छात्र
पीएम, डीएम, सीएम, सबसे नीचे की अथॉरिटी से लेकर ऊपर तक हम अपनी मुश्किलें बता चुके हैं और सबका यही जवाब है कि हम कार्रवाई कर रहे हैं.अर्पित बंसल, छात्र
आखिरकार अक्टूबर में प्रशासन ने छात्रों को दूसरे कॉलेज में ट्रांसफर करने का आश्वासन दिया. छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांग अगले 15-20 दिन में पूरी नही हुई तो दोबारा से आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
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