ADVERTISEMENTREMOVE AD

Jamshedpur: CSIR-NML के गार्ड्स परेशान, वक्त पर नहीं सैलरी-पीएफ में भी हेरफेर

पिछले दो सालों में तीन सुरक्षा एजेंसियों को बदला गया है लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

मैं पिछले दो सालों से जमशेदपुर (Jamshedpur) में CSIR NML (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला) में एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम कर रहा हूं. यहां काम करना हमारे लिए बहुत आसान नहीं रहा है. इन दो सालों में तीन एजेंसियों को बदल दिया गया है, जो सुरक्षा गार्ड की सेवा प्रदान करते हैं. CSIR NML द्वारा जो भी एजेंसी हायर की जाती है, वह हमसे 15,000-20,000 रुपये लेती है, जिसकी डीटेल हमें नहीं दी जाती है और न ही भुगतान किए गए पैसे के बदले में हमें कोई सुविधा दी जाती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अप्रैल 2022 में, जिस दर पर हमें भुगतान किया गया था, उसे संशोधित कर 770 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया, साथ ही बोनस, माइनस डिडक्शन भी. आम तौर पर 26 दिनों के लिए हमें 19,135 रुपये मिलने चाहिए लेकिन हकीकत में हमारा वेतन 500-600 रुपये की कटौती के साथ आता है और हमें कोई वेतन पर्ची नहीं दी जाती है.

'हमारे PF और ESI नियमित रूप से जमा नहीं होते'

हमें वर्तमान वेतनमान दर के अनुसार भुगतान नहीं किया जाता है. पीएफ अकाउंट में जमा की जाने वाली जरूरी राशि का भुगतान नियमित रूप से नहीं किया जाता है. 2021 के जून, जुलाई, अगस्त और 2022 के फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई और जून के हमारे पीएफ नहीं जमा किए गए हैं.

ESI (कर्मचारी राज्य बीमा योजना) का भुगतान ठीक से नहीं किया जाता है, इस वजह से हममें से कई लोग किसी भी चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं उठा पाते हैं.

मेरे एक साथी को अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए ले जाना पड़ा. उसने ईएसआई कार्ड की मदद से इलाज के लिए भुगतान करने की योजना बनाई थी, लेकिन अस्पताल ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह बीमा के लिए पात्र नहीं है क्योंकि उसका भुगतान ईएसआई में ठीक से नहीं किया गया था. पत्नी के इलाज के लिए उसे कहीं से पैसे का इंतजाम करना पड़ा.

अनियमित भुगतान के कारण हमें अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने में भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

'एजेंसियां बदलती हैं, लेकिन समस्याएं जस की तस'

पिछले दो वर्षों में तीन एजेंसियों के बदलने के पीछे एक मुख्य कारण यह है कि वे न तो हमें समय पर भुगतान कर पा रहे हैं और न ही हमारे पीएफ और ईएसआई जमा कर पा रहे हैं. जब हमें दो महीने के लिए हमारा वेतन नहीं मिलता है और जब हम सीएसआईआर-एनएमएल में उच्च अधिकारियों से शिकायत करते हैं, तब वे एजेंसी बदलते हैं.

एजेंसियां बदल जाती हैं लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं. मौजूदा एजेंसी भी ऐसा ही व्यवहार कर रही है. यह हमें समय पर भुगतान करने में असमर्थ है और यह हमें नवीनतम वेतन दरों के अनुसार भुगतान नहीं कर रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ समाधान'

हमने इस मुद्दे को कई बार सीएसआईआर-एनएमएल मैनेजमेंट के सामने उठाया है लेकिन वे हमारी किसी भी तरह से मदद नहीं कर सके. हमने कई सरकारी विभागों को लिखित शिकायत भी दी है लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला है.

अगर हम अपने मुद्दों को उठाने की कोशिश करते हैं तो हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. इसके बाद हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि हम अपनी नौकरी छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसा नहीं है कि हम कुछ अनुचित मांग कर रहे हैं, यह बहुत अच्छा होगा यदि हमें हमारा हक मिल सके. हम कोई विवाद नहीं चाहते हैं.

द क्विंट ने सुरक्षा एजेंसी से बात की

क्विंट ने उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया के लिए सीएसआईआर-एनएमएल और रेडर सिक्योरिटी सर्विसेज दोनों से संपर्क किया. सुरक्षा एजेंसी के फील्ड ऑफिसर जितेंद्र कुमार ने उठाए गए मुद्दों का जवाब दिया.

सुरक्षा गार्डों को मौजूदा वेतन पर भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है...इस सवाल पर जवाब देते हुए जितेंद्र कुमार ने कहा कि इस महीने से हम नवीनतम संशोधित दर के अनुसार भुगतान करने जा रहे हैं क्योंकि इसकी (CSIR NML) अधिसूचना पिछले महीने ही आई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
गार्ड ने यह भी मुद्दा उठाया है कि CSIR NML में एजेंसियां बार-बार बदलती हैं और हर नई एजेंसी उनसे 15,000 से 20,000 रुपये वसूलती है.

इस पर जवाब देते हुए कुमार ने कहा कि हमने उन्हें सूचित कर दिया है. हमने डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) के माध्यम से लिया है, सभी को बताया गया कि यह उनके रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य फीस के लिए था लेकिन कुमार इस बात से सहमत थे कि उन्हें भुगतान के लिए कोई बिल उपलब्ध नहीं कराया गया है.

पीएफ और ईएसआई में अनियमितताओं के बारे में कुमार ने कहा कि उन्हें केवल 3-4 महीने हुए हैं, उन्हें सेवाएं प्रदान की गई हैं, जिसके दौरान वे तुरंत पीएफ और ईएसआई जमा कर रहे हैं. हालांकि पिछली एजेंसियों के समय में 8 महीने का पीएफ नहीं जमा किया गया है.

जितेंद्र कुमार ने माना कि वेतन के भुगतान में देरी हुई है. उन्होंने इस समस्या को दूर करने का वादा किया है.

 सवालों के जवाब में, CSIR NML अधिकारी, सुभाजीत बनर्जी ने लिखा कि सरकार द्वारा इस तरह के आदेश और इस तरह के भुगतान के दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त होने पर मजदूरी की संशोधित उच्च दरों की प्रतिपूर्ति भी एजेंसी को की जाती है

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×