आजाद के बारे में पूछे जाने पर ताराचंद ने कहा कि वह ही बता सकते हैं कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी थी।
ताराचंद के अलावा पीरजादा मो. सईद, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष ठाकुर बलवान सिंह (पूर्व विधायक और पूर्व महासचिव डीएपी), मो. मुजफ्फर र्पे, पूर्व एमएलसी और वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट, मोहिंदर भारद्वाज (सीनियर एडवोकेट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय, तीन बार अध्यक्ष बार एसोसिएशन जम्मू, पूर्व सदस्य कार्य समिति, डीएपी) और अन्य नेता कांग्रेस में शामिल हुए।
पार्टी के वरिष्ठ नेता के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा के कारण नेता वापस आ गए हैं और अब विभाजनकारी ताकतों से लड़ने के लिए राहुल गांधी के साथ चलेंगे।
30 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस में फिर से शामिल होने की खबरों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था और आरोप लगाया था कि यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने के लिए ऐसी अफवाह उड़ाई जा रही है।
आजाद ने इस संबंध में मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों पर हैरानी जताते हुए एक ट्वीट में कहा, दुर्भाग्य से इस तरह की कहानियां कांग्रेस पार्टी के नेताओं के एक धड़े द्वारा प्लांट की जा रही हैं मेरे नेताओं और समर्थकों को हतोत्साहित करने के लिए।
मुझे कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है, हालांकि मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इन कथाकारों को ऐसा करने से रोकें।
--आईएएनएस
सीबीटी
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