5G स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) हो रही है. सरकार इस नीलामी के जरिए एक लाख करोड़ या इससे ज्यादा की कमाई की अपेक्षा कर रही थी. नीलामी में बिड करने वाली कंपनियां Reliance Jio, भारती Airtel, Vodaphone Idea और अडानी समूह शामिल है.
मोबाइल सिग्नल ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की भारत की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी में 26 जुलाई को पहले दिन मुकेश अंबानी, सुनील भारती मित्तल और गौतम अडानी द्वारा संचालित ग्रुपों से 5G एयरवेव के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये तक की बोली लगाई गई. 27 जुलाई को फिर से बोली की शुरुआत होगी.
4.3 लाख करोड़ रुपये के 5जी स्पेक्ट्रम के 72 गीगाहर्ट्ज़ (गीगाहर्ट्ज) के लिए भारत की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी का पहला दिन चार दौर की नीलामी के साथ समाप्त हुआ.
दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बोली के पहले दिन नीलामी के चार दौर पूरे हुए, जिसमें बोली की राशि 1.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी. पांचवे दौर की नीलामी कल से शुरू होगी. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उन्हें 15 अगस्त तक स्पेक्ट्रम आवंटन पूरा करने की उम्मीद है; वैष्णव ने कहा कि 2022 के अंत तक कई शहरों में 5जी सेवाओं के आने की उम्मीद है.
रेस में शामिल कंपनियां कितना बिड करेगी?
यह नीलामी सुबह से शाम 6 बजे तक चली. भारत एक अरब से अधिक ग्राहकों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वायरलेस का मार्केट है. नीलामी से पहले कंपनियों को एक डिपॉजिट जमा करना होता है जिसे अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) कहते हैं. किस कंपनी ने कितना जमा किया.
रिलायंस जियो - 14,000 करोड़ रुपये
भारतीय एयरटेल - 5,500 करोड़ रुपये
वोडाफोन आईडिया - 2,200 करोड़ रुपये
अडानी समूह - 100 करोड़ रुपये
नीलामी में पेश किया गया 72097 MHz स्पेक्ट्रम
5G को लेकर सरकार का लक्ष्य है कि यह 4G की तुलना में लगभग 10 गुना तेज डेटा स्पीड दे सकता है जो सेल्फ-ड्राइविंग कारों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
26 जुलाई, 2022 को शुरू होने वाली 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपयों के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज (MHz) स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए पेश किया गया.
नीलामी कई कैटेगरी में होगी जैसे Low (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), Medium (3300 मेगाहर्ट्ज) और High (26 गीगाहर्ट्ज)
मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक कंपनी स्पेक्ट्रम खरीदती है उसको 6 महीने से 1 साल के अंदर सर्विस शुरू करनी ही होगी, यह सरकार का मेनडेट होता है. कई टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी तैयारी पूरी कर चुके हैं, ऐसे में वह स्पेक्ट्रम खरीदने के 3 से 6 महीने के अंदर सर्विस शुरू कर सकते है. ऐसे में इस साल के आखिर तक 5G सर्विस मिलने की पूरी संभावना है.
नीलामी कब खत्म होगी? कितने दिनों तक चलेगी? यह रेडियो तरंगों की मांग और व्यक्तिगत बोलीदाताओं की रणनीति पर निर्भर करेगा. हालांकि, ब्रॉड इंडस्ट्री सर्वसम्मति यह है कि यह दो दिनों तक चल सकता है.
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