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‘ये मौत नहीं मेडिकल मर्डर है’, संभावना सेठ का अस्पताल पर आरोप

पिता की मौत के बाद संभावना सेठ ने कहा- अब अस्पताल के खिलाफ लड़ूंगी कानूनी लड़ाई

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एक्टर संभावना सेठ के पिता का कोविड महामारी की वजह से 8 मई को निधन हो गया था. उन्होंने अब अपने पिता की मौत के लिए अब मेडिकल लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. संभावना सेठ के पति ने सोशल मीडिया इस खबर की जानकारी दी थी कि संभावना के पिता जो कि कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती थे, हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया है.

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संभावना सेठ ने अस्पताल से एक प्री रिकॉर्डेड वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन देकर लिखा कि, जैसा कि कहा जाता है कि दुनिया ब्लैक या व्हाइट नहीं हो सकती है. ठीक इसी तरह हर डॉक्टर भगवान की तरह या समकक्ष नहीं हो सकता है. यहां सफेद कपड़े पहने ऐसे कई शैतान हैं जो हमारे प्रियजनों को मार रहे हैं. इस वीडियो को रिकॉर्ड करने के 2 घंटे के अंदर मेरे पिता की मौत हो गई या मुझे यह कहना चाहिए कि उनका मेडिकल मर्डर कर दिया गया.

संभावना सेठ ने कहा कि, पिता को खोना मेरे जीवन का सबसे बड़ा डर है जिसका मैंने सामना किया है. अब मैं बिना डरे सच के लिए लड़ूंगी जिसकी सीख मुझे मेरे पिता से जीवनभर मिली. मैं इन बड़ी मछलियों को हरा सकती हूं या नहीं, लेकिन मैं इन मछलियों को पानी से बाहर जरूर निकालूंगी और उनका असली चेहरा सामने लाउंगी. मैं बस अपने पिता के अंतिम संस्कार से जुड़ी सभी रस्मों को पूरा करने का इंतजार कर रही थी.

संभावना सेठ ने खुलासा किया कि वे अस्पताल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगी और दिल्ली के लॉ फर्म के जरिए जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल को लीगल नोटिस भेजकर कानूनी लड़ाई शुरू करने की तैयारी में हैं.

संभावान सेठ ने कहा कि इसके लिए मुझे आपकी मदद की जरूरत है क्योंकि मैं जानती हूं कि इस मुश्किल समय में अस्पताल में आप सभी ने इस मेडिकल लापरवाही को देखा और इसके शिकार हुए. लेकिन कई कारणों की वजह से लड़ नहीं पाए. अब हम सब मिलकर इस वीडियो को शेयर करके यह लड़ाई लड़ सकते हैं.

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इस वीडियो में संभावना सेठ ने परेशान होकर बताया कि अस्पताल की नर्सों ने उनके साथ बदसलूकी की और उनसे कहा कि उनके पिता का ऑक्सीजन सेचुरेशन 55 बहुत अच्छा है. 11 मई को संभावना ने एक पिक शेयर करते हुए लिखा कि, मेरे पिता को बचाया जा सकता था उनकी मौत सिर्फ कोविड से नहीं हुई.

बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. जिसकी वजह से हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव बढ़ा है और अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड्स और जरूरी दवाओं की कमी देखने को मिली.

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