हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस बयान को इसलिए भी बड़ा बयान माना जा रहा है क्योंकि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बावजूद किसान संगठनों का धरना और आंदोलन अभी जारी है। किसान संगठन केंद्र सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का यह बयान अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
पीएम मोदी के साथ हुई मुलाकात के बारे में बताते हुए हरियाणा सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ कृषि कानूनों पर भी चर्चा हुई, पीएम साहब चिंता कर रहे थे कि किसानों को वापस जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि कानून वापस लेने की घोषणा से अच्छा संदेश गया है और संसद के शीतकालीन सत्र में कानून वापस होने के बाद निश्चित ही किसान अपने घरों को लौट जाएंगे।
मनोहर लाल ने बताया कि पीएम के साथ प्रदूषण , पराली , स्वच्छता , बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई और उन्होने राज्य की कई नई योजनाओं के बारे में भी पीएम को बताया। मुलाकात के दौरान हरियाणा के सीएम ने पीएम मोदी को गीता जयंती उत्सव का निमंत्रण दिया और उनसे आर्बिटर रेल कॉरिडोर के शिलान्यास करने का भी अनुरोध किया।
एचपीएससी के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंधेरे में तीर मारने की जरूरत नहीं है अगर विपक्ष के पास कोई पुख्ता जानकारी है, तो हमें दें हम उसको जांच के दायरे में लाएंगे।
हरियाणा में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सस्पेंस बना रहे इसी में सबको आनंद है।
--आईएएनएस
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