ADVERTISEMENTREMOVE AD

Agnipath: BHU में मौजूद छात्र पर अलीगढ़ में FIR, क्विंट की खबर के बाद जागी पुलिस

छात्र ने क्विंट पर दावा किया था कि वह मई से ही विश्वविद्यालय स्थित ब्रोचा छात्रावास में रह रहा है.

Updated
न्यूज
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सेना भर्ती में अग्निपथ (Agnipath) योजना का विरोध देश के कोने-कोने में हो रहा है. जिसके लिए यूपी पुलिस फोटो और वीडियो के आधार पर युवाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रही है और गिरफ्तारी भी कर रही है. इसी क्रम में अलीगढ़ पुलिस ने एक बीएचयू के विपिन नाम के छात्र पर FIR कर दी. उसने दावा कि वो अलीगढ़ में हिंसा वाले दिन मौजूद ही नहीं था बल्कि दो महीने से वाराणसी में है.

जब यह खबर क्विंट हिंदी पर छपी तब जाकर अलीगढ़ पुलिस जागी और अब अधिकारियों का कहना है कि उसी गांव का एक और विपिन नाम का लड़का है जो संदिग्ध है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अलीगढ़ पुलिस की तरफ से आये बयान में कहा गया है कि विपिन नामक एक अन्य शख्स भी नामजद है जिसकी विवेचना चल रही है. सभी अभियुक्तों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने की कार्रवाई चल रही है, जिसके बाद ही गिरफ्तारी होगी. बीएचयू के छात्र विपिन कुमार की कथित तौर पर गलत नामजदगी पर बयान देते हुए अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि अगर साक्ष्य नहीं मिले तो कोई गिरफ्तारी नहीं होगी.

दरअसल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई हिंसा में टप्पल थाना प्रभारी ने छात्र पर ये मुकदमा दर्ज कराया था जो पिछले 2 महीने से गांव में ही नहीं था.

छात्र का दावा था कि वह वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीएससी ऑनर्स का छात्र है. और मई से ही विश्वविद्यालय स्थित ब्रोचा छात्रावास में रह रहा है. एफआईआर कॉपी मिलने के बाद उसने थानाध्यक्ष को फोन कर अपनी बात बताई. इस पर थानाध्यक्ष ने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया और थाने में आकर सरेंडर करने की बात कही. क्विंट से बातचीत में छात्र ने आपबीती सुनाई.

0

क्या है पूरा मामला

विपिन कुमार वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीएससी ऑनर्स प्रथम वर्ष का छात्र है. विपिन के मुताबिक वह मई महीने में घर से बीएचयू आया था. करीब 2 महीने हो गए वापस घर नहीं गया है. 17 जून को अलीगढ़ में हुई हिंसा के वक्त भी वह बीएचयू में ही था.

विपिन ने बताया कि 18 जून को उसके घर टप्पल थाने की पुलिस गई थी. थाने से मिली एफआईआर कॉपी में विपिन कुमार और धीरज कुमार पुत्र लोकेंद्र सिंह के नाम नामजद मुकदमा देखकर घर वालों के पैरों तले जमीन खिसक गई. भाई धीरज ने फोन कर विपिन को इस बात की जानकारी दी. जिससे वह दहशत में है. विपिन ने बताया कि टप्पल थाना प्रभारी को फोन कर पूरी बात बताई. लेकिन उन्होंने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया. थाने आकर सरेंडर करने को कहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विपिन ने शेयर किए सबूत

  • 01/02

    विपिन का दावा, कॉलेज में था

    (फोटो: क्विंट)

  • 02/02

    विपिन कुमार ने बताया कि 17 जून को वो विश्वविद्यालय के ब्रोचा छात्रावास में था

    (फोटो: क्विंट)

विपिन कुमार ने बताया कि 17 जून को वो विश्वविद्यालय के ब्रोचा छात्रावास में था. इस बात की पुष्टि के लिए मेष रजिस्टर को चेक किया जा सकता है. जिसमें प्रतिदिन हस्ताक्षर करना अनिवार्य होता है.

विपिन ने 17 जून को ही उसने विद्यालय परिसर स्थित जूस कॉर्नर पर पेटीएम से पेमेंट किया था उसका स्क्रीनशॉट भी मौजूद है. छात्रावास के अन्य छात्रों से भी बातचीत कर पता लगाया जा सकता है कि वह यहां था या नहीं. हॉस्टल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी उसके वाराणसी में होने के प्रमाण है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

विपिन कुमार का पुलिस पर आरोप

विपिन कुमार ने अलीगढ़ पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनका नाम अग्निपथ के जिस प्रोटेस्ट में दर्ज हुआ है वह निराधार है. आरोप है कि पुलिस ने रैंडमली कई लोगों के नाम मुकदमे में दर्ज कर दिए हैं. जबकि उनका 17 जून के प्रोटेस्ट से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा मेरे पास पुख्ता साक्ष्य मौजूद हैं कि मैं अलीगढ़ नहीं वाराणसी में था. ऐसे में पुलिस अपना काम करने की बजाय बेगुनाहों को फंसाकर अपनी पीठ थपथपाने में लगी है.

विपिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज- अंडर ट्रेनिंग एएसपी

अलीगढ़ जिले के टप्पल थाना क्षेत्र के घाघोरी थाना क्षेत्र पर अंडर ट्रेनिंग एएसपी सुनील द्विवेदी ने बताया था कि विपिन कुमार के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ है. छात्र ने एसएचओ को फोन किया था. उनसे जांच में कॉर्पोरेट करने के लिए कहा गया है. उनके पास निर्दोष होने के साक्ष्य पर्याप्त होंगे तो पुलिस गंभीरता से उस पर विचार करेगी. फिलहाल 17 जून को हुए विरोध प्रदर्शन के मामले में जिनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ है. उनके खिलाफ जांच चल रही है.

(इनपुट- चंदन पांडेय)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×