निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी, निष्पक्ष और मतदाता हितैषी बनाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा गठित कार्यसमूहों ने मंगलवार को अपनी सिफ़ारिशें आयोग को सौंप दी। आयोग ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद आम चुनाव और विभिन्न विधानसभा चुनाव के अनुभवों से सबक लेते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनने के लिए नौ कार्यसमूहों का गठन किया था। आयोग द्वारा ज़ारी बयान के अनुसार सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) के दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की मौजूदगी में कार्यसमूहों की सिफ़ारिशें पेश की गयी। राज्यों के सीईओ की मौजूदगी वाले कार्यसमूहों की सिफ़ारिशों में चुनाव आचार संहिता का पालन, चुनाव में अपव्यय पर नियंत्रण और मतदाता सूचियों को बेहतर बनाने सहित अन्य चुनाव सुधार सम्बंधी विषयों पर सिफ़ारिशें शामिल है। कार्यसमूहों ने पिछले चुनावों के अनुभव के आधार पर चुनाव प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी सिफ़ारिशें दी हैं। उल्लेखनीय है कि आयोग ने सोमवार और मंगलवार को सभी राज्यों के सीईओ का सम्मेलन आयोजित किया था। इसके अंतिम सत्र में अरोड़ा और चुनाव आयुक्तों अशोक लवासा एवं सुशील चंद्रा की मौजूदगी में कार्यसमूहों की सिफ़ारिशों पर चर्चा की गयी। आयोग इन सिफ़ारिशों को लागू करने से पहले इन पर सभी पक्षकारों के विचार जानने के लिए इन्हें सार्वजनिक करेगा। अधिकारियों को संबोधित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि सभी समूहों की सिफ़ारिशों को व्यवहारिक तौर पर लागू किया जाएगा। इसमें जनता और अन्य पक्षों की भागीदारी सुनिश्चहित करने के लिए सभी पक्षों की भी राय ली जाएगी।
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