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Amritpal Singh: भगोड़े सिख कट्टरपंथी अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का 'ऑपरेशन'

वारिस पंजाब दे के प्रमुख सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए रविवार को भी तलाशी अभियान जारी रहा

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वारिस पंजाब दे के प्रमुख सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए रविवार को दूसरे दिन भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी रहा। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जालंधर के पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने शनिवार रात मीडिया को बताया कि अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया है।

पुलिस का तलाशी अभियान अब मुख्य रूप से जालंधर जिले पर केंद्रित है, जहां से वह पुलिस को उस समय चकमा देने में कामयाब रहा, जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके वाहन को रोकने की कोशिश की।

अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने मीडिया से कहा कि पुलिस को घर से निकलने से पहले ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। हमें उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हमारे आवास की 3-4 घंटे तक तलाशी ली, लेकिन कुछ भी अवैध नहीं मिला।

तरसेम सिंह ने पुलिस कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि उनका बेटा युवाओं को ड्रग्स से दूर कर रहा है। उन्होंने कहा, पुलिस अपराधियों और ड्रग्स में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

इस बीच, पुलिस आयुक्त चहल ने कहा कि अमृतपाल के छह सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, अमृतपाल सिंह की तलाश जारी है और हमें उम्मीद है कि उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और तलाशी व छापे मारे जा रहे हैं।

पुलिस ने शनिवार शाम को ट्विटर पर एक बयान में कहा, राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक एक .315 बोर की राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवाल्वर और विभिन्न कैलिबर के 373 जिंदा कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं।

पुलिस ने कहा, वारिस पंजाब दे के तत्व वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित चार आपराधिक मामलों में शामिल हैं। अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जालंधर जिले के नकोदर के गांवों में रात भर घर-घर तलाशी अभियान चलाया गया। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तलाशी अभियान में लगाया गया है।

इस बीच एहतियात के तौर पर पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

अमृतपाल सिंह के समर्थक सिंह का पीछा करते हुए पुलिस वाहनों के वीडियो साझा कर रहे हैं।

शांति भंग की आशंका को देखते हुए, अमृतसर जिले में अमृतपाल के पैतृक गांव, जल्लूपुर खैरा के बाहर अर्धसैनिक बल की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई है।

पुलिस की एक विशेष टीम ने अलगाववादी नेता के काफिले का पीछा किया था, जब वह जालंधर की शाहकोट तहसील जा रहा था। लेकिन अमृतपाल सिंह भागने में सफल रहा।

राज्य के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है, पुलिस ने राज्य में सुरक्षा भी बढ़ा दी है। साथ ही पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सभी वाहनों की चेकिंग की जा रही है।

खालिस्तान समर्थक उग्र प्रचारक और स्वयंभू उपदेशक तीस वर्षीय अमृतपाल सिंह के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के दो सहित तीन मामले लंबित हैं।

23 फरवरी को अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में एक सशस्त्र भीड़ पुलिस से भिड़ गई थी और अमृतसर के पास एक पुलिस स्टेशन की घेराबंदी कर अपने एक साथी को रिहा करने की मांग की, जिसे अपहरण के एक मामले में हिरासत में लिया गया था। इस दौरान हुए संघर्ष में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया था कि वे भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ थे, क्योंकि वे ढाल के रूप में श्री गुरु ग्रंथ साहिब, जिसे पंजाबी में बीर भी कहा जाता है, की प्रति लिए थे।

--आईएएनएस

सीबीटी

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