चीन ने सोमवार को कहा कि वो डोकलाम में आधारभूत सैन्य ढांचे का निर्माण इसलिए कर रहा है क्योंकि ये क्षेत्र उसके अधिकार क्षेत्र में आता है. चीन ने भारत के राजदूत गौतम बंबावले के 'ग्लोबल टाइम्स' को दिए गए एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया में यह बात कही.
बंबावले ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि दोनों पक्षों के लिए जरूरी है कि वो सीमा से लगे संवेदनशील जगहों पर यथास्थिति को नहीं बदलें. बंबावले परोक्ष तौर पर डोकलाम का जिक्र कर रहे थे जहां दोनों देशों की सेनाएं दो महीने से ज्यादा समय तक गतिरोध को लेकर आमने-सामने रही थीं. ये गतिरोध चीन द्वारा सड़क निर्माण को भारत के रोकने से पैदा हुआ था. सेनाएं डोकलाम से अगस्त में पीछे हटीं.
‘डोकलाम में चीन अपनी संप्रभुता बनाए रखेगा’
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, हमने पाया है कि भारतीय राजदूत ने सीमा मुद्दे के बारे में बात की है. चीन-भारत का सिक्किम क्षेत्र ऐतिहासिक समझौते द्वारा निर्धारित है और यह चीन के प्रभावी अधिकार क्षेत्र में आता है. चीन अपनी संप्रभुता डोंग लांग (डोकलाम) सहित सीमावर्ती इलाके में बनाए रखेगा.
संकट के हल होने के बावजूद कुछ सैटेलाइट पिक्चर्स से पता चला है कि चीन ने डोकलाम में बड़े स्तर पर सैन्य ढांचे का निर्माण किया है.
उन्होंने कहा, आप ने कहा कि चित्र दोनों तरफ से सैन्य निर्माण को दिखाते हैं. मैं कहना चाहूंगी कि ये चीन के संप्रभुता के तहत आता है कि हम डोंग लांग (डोकलाम) इलाके में निर्माण कर रहे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में इलाके में सैन्य निर्माण व बुनियादी ढांचे की बात कही जा रही है.
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