शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को NCB द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक दल के नेताओं और यूजर्स ने एनसीबी के खिलाफ आलोचना भरे पोस्ट का ढेर लगा दिया है. यहां तक कि सरकार ने भी इसे घटिया जांच बताते हुए इसके खिलाफ किसी सक्षम अधिकारी द्वारा जांच के आदेश दिए हैं.
महीनों तक मीडिया ट्रायल और प्रशासन द्वारा आर्यन खान पर हुई कार्रवाई के बाद उन्हें क्लीन चिट देना कई लोगों के मान में एनसीबी को लेकर सवाल खड़े कर देता है.
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि, "एनसीबी का आर्यन खान को क्लीन चिट देना साबित करता है कि महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक सही थे जब उन्होंने कहा था कि मामला फर्जी है."
आर्यन खान पर यह केस 237 दिनों से ज्यादा तक चला जिसमें 22 दिन उन्हें जेल में भी रहना पड़ा. नारकोटिक्स ब्यूरो के प्रमुख ने कहा कि प्रारंभिक जांच में खामियां थीं जिसके कारण विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था.
एनसीबी प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि, “स्थानीय स्तर पर जांच में अनियमितता होने के कारण विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था. कुछ खामियां थीं और उन्हें ठीक करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. हमने कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है.”
उन्होंने कहा आर्यन खान समेत छह लोगों को इसलिए क्लीन चिट दी गई क्योंकि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले.
इसके बाद एनसीबी पर सवाल तो खड़ा होता ही है. एनसीबी ने शुरुआत में कहा थी कि प्राइमा फेसी (शुरुआती जांच में) लगता है कि आर्यन खान ड्रग्स मामले में शामिल हैं. अगर शुरुआती जांच में एनसीबी ने ऐसा कुछ पाया और अब आर्यन को क्लीन चिट दी गई तो 237 दिनों तक ऐसी क्या कार्रवाई चलती रही कि जिसके अंत में उसे रोक कर आर्यन खान को मामले से बरी करना पड़ा?
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, एनसीबी प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि, "व्हाट्सएप चैट की पुष्टि होनी चाहिए. अदालतों ने स्पष्ट किया है कि व्हाट्सएप चैट का अपने आप में कोई महत्व नहीं है. आप व्हाट्सएप पर किसी भी चीज के बारे में बात कर सकते हैं लेकिन अगर भौतिक साक्ष्यों से इसकी पुष्टि नहीं होती है, तो यह पूर्ण प्रमाण नहीं है."
बता दें कि आर्यन खान की गिरफ्तारी के वक्त समीर वानखेड़े ने दावा किया था कि, आरोपी एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं. व्हाट्सएप चैट पर भरोसा करते हुए, एनसीबी ने आरोप लगाया था कि सुपरस्टार का बेटा एक विदेशी ड्रग सप्लायर के संपर्क में हैं, क्योंकि चैट में थोक में 'हार्ड ड्रग्स' को लेकर बात हुई थी. लेकिन इसके बाद एनसीबी प्रमुख का यह बयान और एसआईटी का गठन यह बताता है कि एनसीबी से इस मामले में भारी चूक हुई है.
इतना ही नहीं प्रधान ने यह भी संकेत दिए हैं कि छापेमारी और जांच के दौरान चूक के आरोप में क्रूज पर छापेमारी करने वाले एनसीबी के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जा सकती है.
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