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असम में नागरिकता विधेयक के विरोध में 'काला दिवस'

असम में नागरिकता विधेयक के विरोध में 'काला दिवस'

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गुवाहाटी, 7 जनवरी (आईएएनएस)| असम में 'नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016' का विरोध कर रहे विभिन्न संगठनों ने 'नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016' की रिपोर्ट लोकसभा में पेश करने के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के कदम के विरोध में सोमवार को काला दिवस मनाया। जहां ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और 30 अन्य संगठनों ने शहरों और गावों में विरोध प्रदर्शन करते हुए विधेयक की प्रतियां जलाईं, वहीं 'कृषक मुक्ति संग्राम समिति' (केएमएसएस) की अगुआई में 70 अन्य संगठनों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में काले झंडे लहराए।

एक अन्य छात्र संगठन 'द असोम जातीयताबादी युवा छात्र परिषद' (एजेवाईसीपी) ने राज्य भर में प्रदर्शन किया।

तिनसुकिया कस्बे में एजेवाईसीपी के एक सदस्य ने नग्न होकर विधेयक और लोकसभा में रिपोर्ट पेश करने के जेपीसी के कदम के विरोध में नारेबाजी की।

आसू के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा, "इस दिन को हमने 'काला दिवस' के रूप में मनाया। नागरिकता विधेयक से न सिर्फ असम के स्थानीय समुदायों के अस्तित्व पर खतरा हो गया है, बल्कि वे अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक बन गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य के लोगों की भावनाओं को समझने में नाकाम रही है। विधेयक के खत्म होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।"

आसू और अन्य संगठनों ने जहां सोमवार को प्रदर्शन किया, पूर्वोत्तर राज्यों के सभी छात्र संगठनों के सर्वोच्च संगठन 'नॉर्थ-ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन' (नेसो) ने मंगलवार को 'पूर्ण बंद' का आवाह्न किया है।

भट्टाचार्य ने कहा, "यह विधेयक असम के स्थानीय लोगों के खिलाफ है और हम एड़ी-चोटी का जोर लगाकर इसका विरोध करेंगे। नेसो ने भी इस विधेयक के खिलाफ 23 जनवरी को गुवाहाटी में व्यापक प्रदर्शन का आह्वान किया है।"

केएमएसएस नेता अखिल गोगोई ने कहा, "भाजपा विधेयक के माध्यम से लोकसभा चुनाव जीतना चाहती है। हमने इसके खिलाफ पहले ही आंदोलन शुरू कर दिया है, जो इस विधेयक के खत्म होने तक जारी रहेगा।"

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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