पूर्व सासंद और बाहुबली अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की बहन आयशा नूरी (Aisha Noori) ने अपने दोनों भाइयों (अशरफ और अतीक अहमद) की हत्या को लेकर जांच की मांग की है. आयशा का मानना है कि ये हत्या सरकार के इशारे पर हुई है इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच रिटायर जज या "स्वतंत्र एजेंसी" की अध्यक्षता में कराई जानी चाहिए. इसके लिए आयशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
कुछ समय पहले अतीक अहमद और अशरफ अहमद (Ashraf Ahmed) की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी जहां मीडिया की भी मौजूदगी थी.
इसके अलावा आयशा ने अतीक अहमद के बेटे असद के एनकाउंटर की भी जांच की मांग की है. अतीक अहमद की हत्या के कुछ दिन पहले ही असद की झांसी में एनकाउंटर में मौत हो गई थी.
आयशा ने उसके परिवार के सदस्यों की मौत का आरोप सरकार पर लगाया है. आयशा ने अपनी याचिका में आरोप लगाते हुए कहा कि, उसके परिवार के सदस्यों की मौतें "उत्तर प्रदेश सरकार के शातिर, मनमाने और गैरकानूनी अभियान" से जुड़ी हैं. याचिका में लिखा गया कि, "विसतृत और स्वतंत्र जांच" के बिना, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है.
याचिका में आगे कहा कि,
“इस तरह की जांच का उद्देश्य संविधान के तहत जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी को प्रभावी तरीके से लागू करना है और यह सुनिश्चित करना है कि जहां भी राज्य के एजेंट या सरकार का कोई हिस्सा ऐसी हत्या के किसी भी मामले में शामिल हों, तो उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए."
याचिका में "उच्च अधिकारियों की जिम्मेदारी को भी सामने लाने की मांग की गई है जो याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं."
बताया गया है कि इस मामले में 3 जुलाई को सुनवाई हो सकती है.
बता दें कि, आयशा नूरी उमेश पाल शूट आउट केस में आरोपी है और अभी फरार चल रही है. उमेश पाल शूटआउट केस के बाद आयशा नूरी ने प्रयागराज में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने भाइयों की हत्या की आशंका जताई थी. वहीं इनामी बमबाज गुड्डू मुस्लिम आयशा नूरी के घर पर मेरठ में ठहरा हुआ था.
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या 15 अप्रैल को प्रयागराज के अस्पताल के सामने कर दी गई थी. उसकी हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को पुलिस ने घटना स्थल से ही गिरफ्तार कर लिया था.
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