उच्चतम न्यायालय हैदराबाद में पशु चिकित्सक से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों की कथित मुठभेड़ में हुई मौत की घटना की जांच एसआईटी से कराने के लिये दायर याचिका पर सुनवाई के बारे में बुधवार को विचार करेगा।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की शीघ्र सुनवाई करने के वकील जी एस मणि के अनुरोध का संज्ञान लिया। मणि ने कहा कि इस मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच के लिये दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है।
हैदराबाद मुठभेड़ के संबंध में एक अन्य अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी इसी तरह की याचिका दायर की है। शमार् की याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल की जांच की होनी चाहिए।
याचिका में मणि और वकील प्रदीप कुमार यादव ने दावा किया है कि यह मुठभेड़ ‘फर्जी’ थी और इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।
चेट्टनपल्ली में शुक्रवार सुबह सभी आरोपी पुलिस के साथ एक कथित मुठभेड़ में मारे गए थे। आरोपियों को इस अपराध की जांच के सिलसिले में घटना स्थल पर ले जाया गया था, जहां पुलिया के निकट 25 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक का शव 28 नवंबर को मिला था।
साइबराबाद पुलिस का कहना है कि दो आरोपियों ने पुलिसकर्मी से हथियार छीन लिए थे और गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं जिसके बाद पुलिस ने ‘जवाबी कार्रवाई’ में गोलियां चलाईं।
चारों आरोपी हैदराबाद के निकट उसी राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर मारे गये जहां 26 वर्षीय पशु चिकित्सक का बुरी तरह जला हुआ शव मिला था।
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)