छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
नक्सलियों ने इस क्षेत्र में जहां चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है तो वहीं इस इलाके में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए 11 तारीख को मतदान होगा तथा इसके लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कोंटा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में सुबह सात बजे से अपराह्र तीन बजे तक मतदान होगा। इन विधानसभा क्षेत्रों में नौ अप्रैल की अपराह्र तीन बजे के बाद चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। वहीं विधानसभा क्षेत्रों बस्तर, चित्रकोट, कोण्डागांव और जगदलपुर में सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन विधानसभा क्षेत्रों में नौ अप्रैल को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। इसके बाद उम्मीदवार घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर सकेंगे। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र में कुल 1879 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिनमें से 741 मतदान केन्द्रों को अति नक्सल संवदेनशील मतदान केन्द्र के रूप में चिन्हित किया गया है। इनमें बस्तर जिले में 93, कोंडागांव में 68, नारायणपुर में 71, दंतेवाड़ा में 157, बीजापुर में 129 तथा सुकमा जिले में 223 मतदान केन्द्र अति नक्सल संवेदनशील हैं। इसके साथ ही 606 मतदान केन्द्र नक्सल संवेदनशील तथा 227 राजनैतिक संवदेनशील मतदान केन्द्र हैं। बस्तर संसदीय क्षेत्र में 227 मतदान केन्द्र क्रिटिकल हैं। इस क्षेत्र में 289 मतदान केन्द्रों अन्य जगहों पर स्थानांतरित किया गया है। जिनमें नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के 53, जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के दो, चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के नौ, दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 59, बीजापुर विधानसभा क्षेत्र के 111 और कोंटा विधानसभा क्षेत्र के 55 मतदान केन्द्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बस्तर संसदीय क्षेत्र के अतंर्गत 159 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से रवाना किया जा रहा है। इनमें बस्तर जिले में एक, कोण्डागांव जिले में दो, नारायणपुर 31, बीजापुर में 85 तथा सुकमा जिले में 40 मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से भेजा जाएगा। बीजापुर और सुकमा जिले में आज से मतदान दलों को भेजने की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों से सुरक्षा बलों ने इस संबंध में नक्सली पोस्टर बैनर भी बरामद किये है। इस महीने की चार तारीख को पड़ोसी कांकेर लोकसभा क्षेत्र में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था जिसमें सीमा सुरक्षा बल के चार जवान शहीद हो गए थे। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान कराना सुरक्षा बलों के लिए चुनौती है। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के महानिदेशक गिरधारी नायक ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए लगभग 80 हजार जवानों को तैनात किया गया है। क्षेत्र में सुरक्षा बल लगातार गश्त पर है और नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। नायक ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के ज्यादातर मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में है। इन क्षेत्रों में मतदान दलों को मतदान केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाना और मतदान संपन्न होने के बाद वापस लाना सबसे चुनौती भरा कार्य होता है।
नक्सल विरोध या बहिष्कार के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछले कुछ चुनावों में देखा गया है कि नक्सलियों के विरोध के बावजूद बस्तर की जनता बड़ी संख्या में मतदान में भाग लेती है तथा लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था जाहिर करती रही है।
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