हल्द्वानी में एक ओर जहां विधायक को घर में नजरबंद कर दिया गया तो वहीं दूसरी ओर शहर में अवैध अतिक्रमण जेसीबी गरजी। नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम व जिला प्रशासन ने अतिक्रमण अभियान की रफ्तार पर चंद दिनों के लिए ब्रेक लगाते हुए। अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाने का सिलसिला शुरू किया था। जिसमें आज निगम अधिकारियों, जिला प्रशासन एवं पुलिस बल ने अतिक्रमणकारियों को दिए हुए नोटिस को नहीं मानने पर अतिक्रमणकारियों के अवैध अतिक्रमण को तोड़ा। आपको बता दें कि नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के निर्देश पर निगम कर्मचारियों के द्वारा कुछ दिन पूर्व मंगल पड़ाव मछली बाजार में बने अवैध फड़ो को नोटिस दिया था। जिसमें नगर आयुक्त ने उन्हें 3 दिन के अंदर जगह खाली करने के आदेश दिए थे। जिसमें आज नगर आयुक्त ने कार्यवाही करते हुए मछली बाजार में लगाए गए फड़ों को हटाया। इस दौरान नगर निगम को पार्षदों एवं फड़ स्वामियों का खासा विरोध झेलना पड़ा।
वहीं इस संबंध में मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के द्वारा बताया गया कि अतिक्रमण कार्यों को पहले नोटिस देकर सूचना दी गई थी, तथा आज 11:00 बजे तक का समय उनको वैद्य कागजात दिखाने का समय दिया गया था, जो नहीं दिखा पाए। उसके बाद अतिक्रमण की कार्रवाई की जा रही है कुछ लोगों द्वारा विरोध किया गया था जिनके लिए सुसंगत धाराओं में प्रशासन के द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
इस दौरान मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहीं, उन्होंने लोगों से सहयोग करने की अपील करने के साथ चेतावनी भी दी सरकारी कार्य में बाधा ना बनें, क्योंकि सभी दुकानदारों या फड़ कारोबारियों को तीन दिन पहले नोटिस के द्वारा सूचित कर दिया गया था। हल्द्वानी में नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने का विरोध शुरू हो गया है। हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में अतिक्रमण का विरोध करने से पहले ही पुलिस और प्रशासन ने विधायक के आवास पहुंच कर उन्हें नजरबंद कर दिया। आज नगर निगम के पार्षद भी इस अभियान के विरोध में आ गए। वह मछली बाजार में बुलडोजर के आगे लेट गए।
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा है कि जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि को किस आधार पर जनता से मिलने से रोका जा रहा है? इसका जवाब मांगा जाएगा। अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीब लोगों के परिवार को रोटी रोजी से वंचित किया जा रहा है। आज अतिक्रमण हटाने का समर्थन कर रहे लोग खुद सिंचाई विभाग की भूमि पर अतिक्रमण किए हुए हैं। इसके बाद जब जनता तकलीफ में हैं तो क्यों उनके जनप्रतिनिधि को उनके पास नहीं जाने दिया जा रहा है। शासन-प्रशासन द्वारा पुलिस प्रशासन के माध्यम से आज मुझे अपने आवास पर नजरबंद करना लोकतंत्र की हत्या है।
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)