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Bypoll Results: UP, ओडिशा, मेघालय,पंजाब के उपचुनावों में किसने मारी सियासी बाजी?

UP,ओडिशा और मेघालय में 4 सीटों में10 मई को उपचुनाव हुआ. वहीं जालंधर लोकसभा सीट के लिए भी वोटिंग हुए थी.

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10 मई को कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा चुनावों के साथ-साथ ही यूपी (UP), ओडिशा और मेघालय में 4 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनावों के लिए वोटिंग हुई. जहां यूपी में 2 सीटों स्वार टांडा और छानबे सीट के लिए वोटिंग हुई. वहीं ओडिशा में झारसुगुड़ा और मेघालय की सोहियोंग विधानसभा सीट के लिए वोटिंग हुई थी.

इसके अलावा, पंजाब के जालंधर लोकसभा सीट के लिए भी इसी दिन वोटिंग हुई थी. आइए डालते हैं एक नजर हर सीट पर हुए उपचुनावों के परिणामों पर. साथ ही, ये भी जानते हैं कि कहां-कहां, किस-किस के बीच कड़ा मुकाबला था.

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उत्तर प्रदेश की स्वार टांडा सीट: यूपी के रामपुर में स्वार सीट में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद यहां उपचुनाव कराए गए. इस सीट पर बीजेपी गठबंधन के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अनुराधा चौहान के बीच कड़ा मुकाबला था. जिसमें अपना दल (सोनेलाल) प्रत्याशी शफीक अहमद अंसारी ने बाजी मार ली है.

कितने वोटों से जीते अंसारी?: अंसारी ने ये चुनाव 8700 से ज्यादा वोटों से जीता है. जहां अंसारी को 68630 वोट मिले वहीं अनुराधा चौहान 59906 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहीं.

यूपी की छानबे विधानसभा सीट: मिर्जापुर जिले की इस सीट से अपना दल (एस) के विधायक राहुल प्रकाश कोल विधायक थे. फरवरी में उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराए गए. इस सीट पर भी अपना दल (एस) और समाजवादी पार्टी के बीच घमासान था. जहां अपना दल (एस) की ओर से स्वर्गीय राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिंकी कोल उम्मीदवार थीं, वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से कीर्ति कोल को मैदान में उतारा गया था.

रिंकी कोल ने हासिल की जीत?: रिंकी कोल ने ये चुनाव जीत लिया है. वहीं समाजवादी पार्टी प्रत्याशी कीर्ति कोल वोट दूसरे नंबर पर रहीं.

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ओडिशा की झारसुगुड़ा सीट: ओडिशा की झारसुगुड़ा सीट पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास की हत्या की वजह से हुआ है. जनवरी 2023 में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

इस सीट पर बीजू जनता दल ने नबा किशोर दास की बेटी दीपाली दास को उतारा था, वहीं बीजेपी की ओर से तन्खाधर त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया गया था.

दीपाली दास ने मार ली बाजी: इस सीट पर फिर से बीजू जनता दल के प्रत्याशी को ही जीत मिली है. दीपाली दास ने 107198 वोट पाकर जीत का ताज अपने नाम किया है, वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी तन्खाधर त्रिपाठी को 58477 वोट ही मिले हैं.

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मेघालय की सोहियोंग विधानसभा सीट: एच डोनकुपर राय लिंगदोह के निधन के बाद मेघालय की सोहियोंग सीट पर उपचुनाव कराए गए थे. यहां यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार सिंशार कुपर रॉय थबाह ने जीत दर्ज की है. उनका मुकाबला नेशनल पीपुल्स पार्टी प्रत्याशी सैमलिन मलंगियांग से था.

कितने वोटों से जीते सिंशार कुपर रॉय थबाह?: थबाह को 16679 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर रहे सैमलिन को उनसे करीब 3000 वोट कम मिले. सैमलिन को 13257 वोट मिले.

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पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट: जालंधर लोकसभा सीट पर उपचुनाव कांग्रेस सांसद संतोख चौधरी के निधन की वजह से कराया गया है. संतोख चौधरी को जनवरी में दिल का दौरा पड़ा था. तब से ये सीट खाली थी.

यहां बीजेपी ने इंदर इकबाल अटवाल और आम आदमी पार्टी ने पूर्व विधायक सुशील कुमार रिंकू को उतारा था. वहीं शिरोमणि अकाली दल ने मौजूदा विधायक सुखविंदर सुक्खी को उम्मीदवार बनाया था. वहीं कांग्रेस ने संतोष चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर को उतारा था.

किसके-किसके बीच रहा मुकाबला?: अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों में अहम मुकाबला आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच ही रहा है. वहीं बीजेपी तीसरे नंबर पर रही.

कितने वोटों से जीते AAP प्रत्याशी सुशील कुमार रिंकू?: सुशील कुमार 31 प्रतिशत वोटों के साथ पहले नंबर पर रहे वहीं दूसरे नंबर पर रहीं कांग्रेस प्रत्याशी कर्मजीत कौर 27 प्रतिशत वोट ही मिले.

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यूपी में अपना दल (एस) के जीत के मायने: बीजेपी गठबंधन के सहयोगी अपना दल (एस) के पास पहले से ही 12 सीटें थीं. 2 और सीटें जीतकर अपना दल (एस) ने अपनी स्थिति मजबूत की है.

समाजवादी पार्टी का नुकसान: जहां समाजवादी पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव में 125 सीटें ही जीतीं थीं, वहीं ये 2 सीटें जीतकर भी पार्टी का कुछ भला तो नहीं होने वाला था. लेकिन, ये सीटें जीतकर पार्टी अपनी स्थिति को मजबूती से साबित कर सकती थी. इस मामले में समाजवादी पार्टी को नुकसान हुआ है.

जहां अखिलेश यादव ट्वीट कर कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत पर शुभकामनाएं दे रहे हैं वहीं अपने ही प्रदेश में हुए दो सीटों के उपचुनाव में उनकी पार्टी जीत हासिल नहीं कर पाई है.

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