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चेन्नई बाढ़ः राहत अभियान पर हावी हो रही है राजनीति

चेन्नई में बाढ़ के बाद राहत कार्यों में स्वयंसेवी संस्थान राजनीतिक पक्षपात का सामना करना पड़ है.

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भारी बारिश के बाद चेन्नई में आई बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने मेें जुटी सेना और राहत कार्यों में जुटी स्वंयसेवी संस्थाओं को बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

अंग्रेजी अखबार द हिंदू में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में जुटी राहत टीमों पर अति विशिष्ट व्यक्तियों और उनके परिवार को प्राथमिकता देने का दबाव बनाकर राहत अभियान में बाधा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.

राहत टीमों के साथ बिना किसी समन्वय के राज्य की एक नोडल एजेंसी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित कर रही है. चेन्नई के कांचीपुरम, तिरुवल्लुर और कुड्डालोर इलाकों में राहत शिविर लगाने वाले गैर सरकारी संगठनों और परोपकारी संस्थाओं के स्वयंसेवकों को स्थानीय राजनीतिक तत्वों द्वारा कथित तौर पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. 
द हिंदू की रिपोर्ट

वहीं, सोशल मीडिया पर स्वंयसेवकों की ओर से शिकायत की जा रही है कि सत्ताधारी पार्टी के लोग राहत पार्सलों पर मुख्यमंत्री जयललिता की तस्वीर लगाने के लिए स्वयंसेवी संगठनों को मजबूर कर रहे हैं.

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