प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कालेधन को सफेद करने के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (आरकेपी) के नेता छगन भुजबल से संबंधित लगभग 110 करोड़ रुपये की उपनगरीय संपत्ति की मंगलवार को कुर्की की. एक संपत्ति बांद्रा के पॉश इलाके में स्थित है, जबकि दूसरी सांताक्रूज में है और दोनों ही भुजबल के परिजनों द्वारा संचालित किए जाने वाली कंपनी प्रवेश कंस्ट्रक्शन के नाम से हैं.
ईडी की मंगलवार की यह कार्रवाई काले धन को सफेद करने (पीएमएलए) के मामले में सामने आई है. गौर तलब है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रह चुके भुजबल की एक संपत्ति पहले भी कुर्क हो चुकी है.
वर्तमान में विधायक भुजबल ने संवाददाताओं से नागपुर में कहा,
इन संपत्तियों का मुझसे कोई लेना-देना नहीं है. मुझे इस बारे में जानकारी नहीं. मुझे आश्चर्य हो रहा है कि ईडी ने ऐसा क्यों किया. इस बारे में मैं एक निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं.
बीजेपी नेता सोमैया ने किए थे खुलासे
भुजबल के परिवार के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध खुलासे करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि ईडी ने इस कार्रवाई को विभाग व भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज पुराने मामलों को लेकर अंजाम दिया है.
भुजबल से संबंधित कई संपत्तियां हैं और उन्होंने विदेशों में भी निवेश कर रखा है. इस बात की जांच करने की जरूरत है कि सारे पैसे कहां जमा हैं.किरीट सोमैया, बीजेपी के वरिष्ठ नेता व सांसद
जून में दायर किए थे इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट्स
ईडी ने कई अरब रुपयों के कथित तौर पर अवैध वित्तीय लेनदेन को लेकर भुजबल, उनके बेटे पंकज, भतीजे समीर व 19 अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत दो इन्फोर्समेंट केस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट्स जून में दायर किये थे.
भुजबल के परिजन- पंकज व समीर- प्रवेश कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक थे, जो मुंबई में पुरानी इमारतों के पुनर्निर्माण का काम करते थे.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भुजबल व अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र सदन, नई दिल्ली घोटाला व कालीना विश्वविद्यालय घोटाला तथा मुंबई भूमि घोटाले में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए, जिनकी वर्तमान में जांच की जा रही है.
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक मशहूर नेता व कभी शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के निकट सहयोगी रहे भुजबल (68) ने साल 1991 में पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)