बीजिंग, 23 जनवरी (आईएएनएस)| चीन में कोरोनावायरस (2019-एनसीओवी) से फैले घातक संक्रामक सांस की बीमारी के प्रकोप लिए मूल रूप से सांप स्रोत हो सकते हैं।
एक नवीनतम शोध में यह खुलासा हुआ है। शोध में चीन में वायरल न्यूमोनिया के प्रकोप को लेकर संभावित मूल स्रोत को लेकर जानकारी दी गई है। चीन में यह दिसंबर मध्य से शुरू हुआ और अब हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड व जापान में फैल रहा है।
चीन में वुहान विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा, "हमारे विकासवादी विश्लेषण से प्राप्त परिणाम पहली बार बताते हैं कि सांप 2019-एनसीओवी संक्रमण के लिए सबसे संभावित वन्यजीव है।"
शोधकर्ताओं ने कहा, "हमारे विकासवादी विश्लेषण से प्राप्त नई जानकारी 2019-एनसीओवी के प्रकोप पर प्रभावी नियंत्रण में खासा महत्वपूर्ण है, जिससे न्यूमोनिया होती है।"
शोध में कहा गया है कि मरीज जो वायरस से संक्रमित हुए वे एक थोकबिक्री बाजार में वन्यजीवों के संपर्क में थे, जहां सीफूड, पोल्ट्री, सांप, चमगादड़ व फार्म के जानवर बेचे जाते थे। यहीं ये मरीज कोरोनावायरस के संपर्क में आए। इस वायरस को डब्ल्यूएचओ ने '2019-एनसीओवी' नाम दिया है।
वायरस का एक विस्तृत आनुवंशिक विश्लेषण करके और विभिन्न भौगोलिक स्थानों और मेजबान प्रजातियों से अलग-अलग वायरस पर उपलब्ध आनुवंशिक जानकारी के साथ इसकी तुलना करके जांचकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि 2019-एनसीओवी एक वायरस की तरह दिखता है जो चमगादड़ व अन्य कोरोनावायरस की अज्ञात स्रोत के संयोजन से बनता है।
आखिरकार शोध दल ने साक्ष्य का खुलासा किया कि 2019-एनसीओवी मानव में संक्रमण करने से पहले सांपों में रहता है। वायरल रिसेप्टर-बाइंडिंग प्रोटीन के भीतर पुर्नसयोजन इसे सांप से मानव में संक्रमण की अनुमति देता है।
शोध के निष्कर्षो को जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
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