ADVERTISEMENTREMOVE AD

"फिर जलेबी भी लाएंगे?" SC ने कहा- सिनेमा हॉल को बाहरी खाने पर बैन लगाने का हक है

भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनाया फैसला

Published
न्यूज
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार, 3 जनवरी को अपने एक फैसले में कहा कि एक सिनेमा हॉल के मालिक को वहां आने वाले लोगों को बाहर से मूवी हॉल में खाने-पीने की चीजें ले जाने से रोकने का अधिकार है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि सिनेमा हॉल उस हॉल के मालिक की निजी संपत्ति है और वह इस तरह के नियम और शर्तें रखने का हकदार है, जैसा कि वह उचित समझता है, बशर्ते कि वे सार्वजनिक हित और सुरक्षा के विपरीत न हों.

"एक सिनेमा हॉल के मालिक को बाहर से आने वाले फूड और ड्रिंक्स को रेगुलेट करने का अधिकार है. मूवी हॉल में जो फूड-ड्रिंक उपलब्ध है उसको लेना है या नहीं, यह पूरी तरह से फिल्म देखने वालों की पसंद पर निर्भर है. दर्शक मनोरंजन के लिए हॉल में जाते हैं."
SC

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार जजों ने सुनवाई के दौरान एक बार यह भी टिप्पणी की, "क्या हमें थिएटर में जलेबियां लाना शुरू कर देना चाहिए?"

"सिनेमा हॉल कोई जिम नहीं है कि आपको हेल्दी फूड की आवश्यकता है. यह मनोरंजन का एक स्थान है. एक सिनेमा हॉल निजी संपत्ति है. वहां उसका मालिक उसके नियमों पर निर्णय लेगा. यह कहना कि यहां हथियार लाने और जाति या लिंग के आधार पर भेदभाव की अनुमति नहीं है, ठीक है. लेकिन हाईकोर्ट कैसे कह सकता है कि वे सिनेमा हॉल के अंदर कोई भी खाना ला सकते हैं?"
SC

अपने इस फैसले के साथ सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के उस निर्देश को रद्द कर दिया, जिसमें सिनेमा हॉल में अपने खुद के खाने और ड्रिंक्स को ले जाने पर रोक न लगाने के लिए मल्टीप्लेक्स और मूवी थिएटरों को आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट थिएटर मालिकों और मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के 2018 के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों के एक बैच पर सुनवाई कर रहा था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें