कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव से करीब आठ महीने पहले कांग्रेस कार्य समिति (CWC) का गठन किया. कमेटी में उन्होंने जिन सदस्यों को शामिल किया है, उसे सीधे तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ा जा रहा है.
ऐसा माना जा रहा है कि खड़गे ने पार्टी के भीतर संतुलन बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए हैं और कुछ नए सदस्यों को इसमें शामिल किया है. तो आइए जानते हैं कांग्रेस वर्किंग कमेटी में किन नए सदस्यों को शामिल किया गया है.
नई टीम में ये हैं नए चेहरे
1. सचिन पायलट : राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने डॉ. मनमोहन सिंह के यूपीए सरकार (UPA Government) में केंद्रीय मंत्री के रूम में काम किया है. जुलाई 2020 में सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया था. हालात इतने बिगड़ गए थे कि सचिन पायलट के अलग पार्टी बनाने या फिर बीजेपी में जाने को लेकर सियासी अटकलें जोरों पर थी. बाद में गांधी परिवार के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और सचिन पायलट पार्टी में रहने को तैयार हो गए.
2. मनीष तिवारी: पंजाब में कांग्रेस का एक प्रमुख हिंदू चेहरा, मनीष तिवारी (Manish Tiwari) यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. वह तथाकथित G-23 (विद्रोही समूह जिसने कांग्रेस में सुधार की मांग की थी) का भी हिस्सा थे.
3. शशि थरूर: तिरुवनंतपुरम से तीन बार के कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) को इस बार शीर्ष कांग्रेस पैनल में शामिल किया गया है. इन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था, जिसे अंततः मल्लिकार्जुन खड़गे ने जीता था.
CWC में कन्हैया, अलका लांबा को भी मिली जगह
4. कन्हैया कुमार: पूर्व छात्र नेता, कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. बाद में वह राजनीति में आए और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव बिहार के बेगुसराय से लड़ा था, लेकिन हार गए. 2021 में वो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. पिछले महीने उन्हें नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) का AICC प्रभारी नियुक्त किया गया था.
5. नासिर हुसैन: सैयद नासिर हुसैन कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं.
6. अलका लांबा: NSUI की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा (Alka lamba) को भी CWC में जगह मिली है. 2002 में वो अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव बनी थीं. कांग्रेस में कई सालों तक काम करने के बाद 2014 में वो आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई थीं. उन्होंने 2015 का दिल्ली चुनाव चांदनी चौक से लड़ा और जीत हासिल की. हालांकि, 2019 में उन्होंने AAP छोड़ दी और कांग्रेस में लौट आईं. 2020 में उन्होंने दिल्ली चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं.
7. पल्लम राजू: आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के पितापुरा के रहने वाले, पल्लम राजू (Pallam Raju) 2004 और 2009 में लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री और बाद में रक्षा राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया है.
पवन खेड़ा को भी मिली जगह
8. पवन खेड़ा: 1998 में पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव के रूप में काम किया था. 2018 में उन्हें लोकसभा चुनाव (2019) से पहले एक पोल कमेटी का संयोजक भी बनाया गया था. खेड़ा वर्तमान में मीडिया एवं प्रचार विभाग ( AICC) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं.
9. गणेश गोदियाल: उत्तराखंड में कांग्रेस का एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा गोदियाल को पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले पीसीसी प्रमुख नियुक्त किया गया था. हालांकि, चुनावों में हार के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
10. कोडिक्कुनिल सुरेश: केरल से कांग्रेस सांसद हैं.
11. यशोमति ठाकुर: महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक, यशोमति ठाकुर ने राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में अमरावती संरक्षक मंत्री के रूप में कार्य किया है.
12. सुप्रिया श्रीनेत: पूर्व पत्रकार रह चुकीं सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से लड़ा था, लेकिन वह हार गईं. वह वर्तमान में सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म, कांग्रेस की अध्यक्ष हैं.
13. प्रिनिति शिंदे: वह सोलापुर सिटी सेंट्रल से कांग्रेस विधायक हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रीती दो बार विधानसभा सीट जीत चुकी हैं.
14. गौरव गोगोई: तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई के बेटे, गौरव (Gaurav Gogoi) दो बार सांसद हैं और वर्तमान में लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता के रूप में कार्यरत हैं.
15. कमलेश्वर पटेल: ये मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री हैं. वर्तमान में सिहावल से विधायक हैं.
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