हरियाणा फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स (Maiden Pharmaceuticals) कंपनी के मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटी में कई खामियां पाई है. इस कंपनी की कफ सिरप की वजह से गांबिया (Gambia) में पिछले कुछ महीनों में 66 बच्चों की मौत हो गई थी जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की थी.
हरियाणा फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स का निरीक्षण किया तो कुल 12 खामियां पाईं गईं. साथ ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और कहा गया कि ऐसी स्थिति में कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस रद्द क्यों न किया जाए. कंपनी को 14 अक्टूबर तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देना है.
सोनीपत फार्मास्युटिकल कंपनी की जो तीन दवाईंयां WHO द्वारा बताई गईं उनके सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब भेजे गए हैं. अभी रिपोर्ट नहीं आई है, उसके बाद कार्रवाई होगी. लेकिन केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण के बाद इनमें लगभग 12 खामियां पाई गई है. इसे मद्देनजर निर्णय लिया गया है कि इसका कुल उत्पादन बंद कर दिया जाए.हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज
हरियाणा फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, कंपनी ने क्वालिटी के साथ समझौता किया है और कई मानकों पर नहीं खरी उतरती है.
बता दें कि साल 2011 में वियतनाम ने इस कंपनी पर प्रतिबंध लगाया था.
कौन सी कफ सिरप हानिकारक पाई गई?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, माकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल पाए गए जो बच्चों और वयस्कों के लिए हानिकारक हैं.
बता दें कि गांबिया सरकार जुलाई से उन मौतों की जांच कर रही है, जो पांच साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर किडनी इंजरी पाए जाने के बाद शुरू हुई थीं. WHO अब भारत में उस कंपनी और नियामक अधिकारियों के साथ अपनी जांच कर रहा है.
कफ सिरप पर WHO क्या बोला और इसके क्या जोखिम हैं?
WHO ने अपने बयान में कहा कि, "कृपया इनका उपयोग न करें. लोगों से आग्रह किया जाता है कि अगर उन्होंने या उनके किसी परिचित ने इन दवाओं का उपयोग किया है या कोई नकारात्मक दुष्प्रभाव हुआ है, तो वे लाइसेंस प्राप्त हेल्थ केयर प्रोवाइडर से तुरंत मेडिकल कंसल्टेशन लें.”
WHO के महानिदेशक टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने कहा कि अभी तक "दूषित उत्पाद" केवल गाम्बिया में पाए गए हैं, लेकिन इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि उन्हें अन्य देशों में भी वितरित किया गया था या नहीं.
WHO के अनुसार, सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया था, जो जहरीले होते हैं और जानलेवा हो सकते हैं. इनसे पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, सिरदर्द और गंभीर किडनी इंजरी की शिकायत हो सकती है.
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