दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में कोरोनोवायरस (Covid19) के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार, 17 मार्च को सभी राज्यों से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों की निगरानी फिर से शुरू करने की गुजारिश की है, जिससे कोरोना वायरस को कंट्रोल किया जा सके. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एडिशनल चीफ सेक्रेट्री, प्रिंसिपल सेक्रेट्री और हेल्थ सेक्रेट्री को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि...
ILI और SARI के मरीज, जो हॉस्पिटल में एडमिट हैं उनका कोरोना टेस्ट किया जाएगा और पॉजिटिव सैंपल्स जीनोम के लिए भेजे जाएंगे.
राज्यों को लिखे पत्र में राजेश भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि पांच चरणों की रणनीति पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. इसमें टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेशन और COVID-19 एप्रोप्रिएट विहेवियर शामिल है.
उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों का टेस्ट सरकार के लिए COVID-19 कोरोना मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण रहे हैं.
बता दें कि देश में अब लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की छूट दे दी गई है. स्वास्थ्य अधिकारी ने जोर देकर कहा कि सभी कोरोना वायरस से संबंधित सावधानियों का पालन किया जाना चाहिए.
बुधवार, 16 मार्च को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को आक्रामक, निरंतर जीनोम अनुक्रमण और गहन निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई थी. उन्होंने कहा कि उन्हें कोरोना स्थिति पर समग्र निगरानी रखने के लिए भी कहा गया था.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि नए कोरोना वेरिएंट का समय पर पता लगाने के लिए INSACOG नेटवर्क को पर्याप्त संख्या में सैंपल्स भेजे गए हैं.
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