ADVERTISEMENTREMOVE AD

America में भारतीय छात्र की हत्या, जिसे खाना खिलाया, उसी ने हथौड़े से किए 50 वार

विवेक ने पिछले कुछ दिनों से बेघर जूलियन फॉकनर को भोजन और आश्रय प्रदान किया था. ठंड से बचने के लिए, कुछ दिन पहले उसे एक गर्म जैकेट भी दी थी.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अमेरिका (America) में एक भारतीय छात्र की हत्या का मामला सामने आया है. आरोप है कि 25 वर्षीय भारतीय छात्र (indian student) विवेक सैनी को एक व्यक्ति ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मृतक हरियाणा का रहनेवाला था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

वारदात 16 जनवरी को अमेरिका के जॉर्जिया की है. विवेक ने कई दिनों तक आरोपी जूलियन फॉकनर को खाना खिलाया और उसे रहने की जगह भी दी. यहां तक की ठंड से बचने के लिए कुछ दिन पहले उसे एक गर्म जैकेट भी दी थी.

विवेक ने जूलियन की इतनी मदद की लेकिन जूलियन ने उसे मार डाला, यह बात लोगों को पता चली तो लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट पड़ा.

वारदात का वीडियो सामने आया है. जिसमें जूलियन फॉकनर को विवेक सैनी के सिर पर हथौड़े से वार करते हुए देखा जा सकता है. यह घटना स्नैपफिंगर और क्लीवलैंड रोड पर "शेवरॉन फूड मार्ट" में हुई. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जूलियन फॉकनर ने विवेक सैनी पर लगभग 50 बार हथौड़ा से हमला किया.

हत्या की वजह क्या?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवेक सैनी एक किराना स्टोर पर काम करते थे. स्टोर के अन्य कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से जूलियन फॉकनर की मदद कर रहे थे. उस दिन सैनी ने सुरक्षा कारणों से फॉकनर को दुकान से बाहर जाने के लिए कहा. भारतीय छात्र ने चेतावनी दी कि अगर फॉकनर ने बात नहीं मानी तो वह पुलिस को बुलाने के लिए मजबूर हो जाएगा.

फॉकनर ने गुस्से में आकर विवेक सैनी पर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया. यह घटना सुविधा स्टोर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उन्होंने जूलियन फॉकनर को भारतीय छात्र के शव के पास खड़ा पाया.

2 साल पहले MBA करने अमेरिका गए थे

इस घटना के बाद से हरियाणा में विवेक के माता-पिता गमगीन हैं. बता दें कि विवेक एमबीए करने के लिए दो साल पहले अमेरिका गए थे. उससे पहले सैनी ने भारत से बीटेक की पढ़ाई पूरी की थी.

पिछले कुछ वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय छात्रों के खिलाफ अपराध के मामलों में उछाल आया है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा उत्तरी अमेरिकी देशों में निराशाजनक दर वृद्धि के बीच स्थानीय आबादी के बीच बढ़ती आर्थिक असुरक्षा के कारण है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×