दो स्कूली छात्रों के साथ यौन शोषण के मामले सामने आने के एक दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार, 29 अगस्त को संबंधित शिक्षकों और वाइस प्रिंसिपल को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया. आरोप है कि इन्होंने एक छात्र से यौन शोषण की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस को इसकी रिपोर्ट नहीं की.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा निदेशालय को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए पोक्सो के प्रावधानों पर सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का कठोर प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए लिखा है.
आतिशी ने पत्र में लिखा,
"मुख्यमंत्री और मैंने हमारे स्कूल के दो लड़कों पर उनके सहपाठियों द्वारा यौन उत्पीड़न की खबरें देखी हैं. यह बेहद परेशान करने वाला कृत्य है. यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि छात्रों ने शिक्षकों और उप-प्रिंसिपल को सूचित किया था लेकिन वे इसे पुलिस या किसी उच्च अधिकारी के संज्ञान में नहीं लाये. यह न केवल अनैतिक है, बल्कि कानून के भी विरुद्ध है. पोक्सो अधिनियम के अनुसार, किसी भी वयस्क द्वारा, जो दुर्व्यवहार के बारे में जानता है, यौन शोषण की रिपोर्ट न करना एक अपराध है."
आतिशी ने कहा किया है कि घटना पर "हमें विचार करना चाहिए और सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ करना चाहिए कि बच्चे हर समय सुरक्षित रहें."
पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा निदेशालय को संबंधित शिक्षकों और उप-प्रधानाचार्य को तुरंत निलंबित करने और मामले की रिपोर्ट करने में विफल रहने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा है.
इसमें यह भी कहा गया है कि पोक्सो के प्रावधानों, अनिवार्य रिपोर्टिंग, दुर्व्यवहार की शीघ्र पहचान के तरीकों, दुर्व्यवहार के प्रकार, छात्रों पर दुर्व्यवहार के प्रभाव और शिक्षकों के क्षमता निर्माण को सक्षम करने वाले उपचारात्मक उपायों पर सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का कठोर प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाये.
आतिशी ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार "छात्रों के समग्र विकास के लिए स्कूलों में सुरक्षित वातावरण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता" रखती है.
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