गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf) हत्याकांड मामले में प्रयागराज पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. आरोपी लवलेश तिवारी (Lovelesh Tiwari), मोहित उर्फ सनी (Mohit alias Sunny) और अरुण मौर्य (Arun Maurya) के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. हत्या के पीछे की वजह भी सामने आ गई है. FIR के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपी ने बताया कि उनका मकसद अतीक अहमद गैंग का सफाया करना था और इस वारदात के जरिए प्रदेश में नाम कमाना था.
इन धाराओं में FIR दर्ज
हत्याकांड के अगले दिन यानी 16 अप्रैल को तीनों आरोपियों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई है. तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, धारा 307, आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट की धारा 7, आर्म्स एक्ट की धारा 25, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत FIR दर्ज की गई है.
हत्या के पीछे ये वजह थी?
FIR के मुताबिक, अपराधियों से नाम पूछा गया तो एक ने अपना नाम लवलेश तिवारी, उम्र 22 साल, जनपद बांदा का बताया. दूसरे ने अपना नाम मोहित उर्फ सनी, उम्र 23 साल, जनपद हमीरपुर और तीसरे ने अपना अरुण कुमार मौर्या, उम्र 18 साल, जनपद कासगंज बताया.
हत्या करने के उद्देश्य के बारे में पूछने पर तीनों अभियुक्तों ने बताया कि हम लोग अतीक और अशरफ गैंग का सफाया करके प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता.
इसके साथ ही आरोपियों ने बताया कि हम लोग पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करके भागने में सफल नहीं हो पाए और पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई में हम लोग पकड़े गए.
कैसे रची हत्याकांड की साजिश?
FIR के मुताबिक, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी रिमांड की सूचना जब से हमें मिली थी तब से हम लोग मीडियाकर्मी बनकर यहां के स्थानीय मीडियाकर्मियों की भीड़ में रहकर इन दोनों को मारने की फिराक में थे, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पाया. आरोपियों ने आगे बताया कि आज मौका मिला तो हम लोगों ने घटना को अंजाम दिया.
कैसे वारदात को अंजाम दिया गया?
FIR कॉपी के मुताबिक, पुलिस अतीक अहमद और अशरफ को लेकर करीब 22:35 बजे हॉस्पिटल पहुंची थी. हॉस्पिटल गेट पर गाड़ी खड़ी की गई. ड्राइवर महावीर सिंह और सत्येंद्र कुमार को गाड़ी के पास छोड़ दिया गया. शेष पुलिस बल के साथ अतीक और अशरफ को एक ही साथ हथकड़ी लगाकर गाड़ी से उतारकर सुरक्षा घेरे में हॉस्पिटल की तरफ ले जाया जा रहा था. इस दौरान मीडियाकर्मियों के हुजूम ने सुरक्षा घेरे में चल रहे अभियुक्त अतीक और अशरफ की बाइट लेने के लिए अपने-अपने कैमरे और माइक आईडी लेकर सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए अतीक-अशरफ के करीब पहुंच गए.
FIR में आगे बताया गया है कि मीडियाकर्मियों को देखकर बाइट देने के लिए इच्छुक अतीक और अशरफ के कदम चलते-चलते थम गए. दोनों बाइट देने लगे तो पुलिसकर्मियों ने चलने के लिए दोनों को पुश किया.
इस दौरान मीडियाकर्मियों की भीड़ में से अचानक दो मीडियाकर्मियों में से एक मीडियाकर्मी ने अपने हाथों में कैमरा और दूसरे ने अपने हाथ में माइक आईडी छोड़ दी और फुर्ती से क्षण भर में ही हथियार निकालकर अतीक और अशरफ को लक्ष्य करके अत्याधुनिक अर्ध स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. तभी अचानक तीसरा मीडियाकर्मी भी अतीक-अशरफ को लक्ष्य करके इन दोनों के ऊपर फायर शुरू कर दिया. जब तक कोई समझ पाता तब तक मीडियाकर्मियों के का रूप धारण किए हत्यारों ने अतीक और अशरफ को गोली मार दिया.
हमलावरों की गोली से गंभीर रूप से घायल अतीक-अशरफ को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया.
एक पुलिस जवान और एक हमलावर भी घायल
FIR में बताया गया है कि गोलीबारी में पुलिसकर्मी मान सिंह के दाहिने हाथ में गोली लगी. जिन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है. वहीं आरोपी लवलेश भी फायरिंग में घायल हुआ है. जिसका इलाज प्रयागराज के स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
FIR के मुताबिक, गोलीबारी के बीच पुलिसकर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके पर तीन हमलावरों को लोड हथियारों के साथ पकड़ लिया. हमलावरों को भागने का मौका नहीं मिला.
इसके साथ ही FIR में बताया गया है कि, मौके पर हाथों से लोड हथियार लिए अपराधियों को पकड़ा गया तो अपराधियों ने हथियार अपने-अपने हाथ से छोड़ दिए, जो घटनास्थल पर पड़े हैं. मीडियाकर्मी खबर को कवर कर रहे थे. उनके द्वारा फायरिंग की घटना को कैमरे में कवर किया गया. फायरिंग के दौरान भगदड़ में कुछ पत्रकार चोटिल भी हुए हैं.
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