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बलरामपुर पत्रकार हत्याकांड: मौत से पहले राकेश का आखिरी बयान

पत्रकार राकेश सिंह ने अस्पताल में मौत से पहले दिए गए बयान में दबंगों पर जलाने का आरोप लगाया था.

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उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पत्रकार को साथी समेत जिंदा जलाने के मामले में अब मृतक की पत्नी का कहना है कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है. पत्रकार राकेश सिंह ने अस्पताल में मौत से पहले दिए गए बयान में दबंगों पर जलाने का आरोप लगाया था. पत्रकार के पिता ने भी दबंगों पर घर में घुसकर उनके बेटे और उसके साथी पर बम से हमला किए जाने का आरोप लगाया है.

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दो दिन में कार्रवाई नहीं तो करूंगी आत्मदाह

अब मृतक की पत्नी का कहना है कि अगर दो दिन में हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुए तो वो डीएम ऑफिस के सामने दो बेटियों के साथ आत्मदाह करेंगी. पत्नी का कहना है कि राकेश सिंह कोई बड़ी खबर लिख रहे थे, उन्होंने गांव की महिला प्रधान सुशीला देवी और उनके बेटे पर हत्या का आरोप लगाया है.

‘’हमें पुलिस पर भरोसा नहीं हैं. पुलिस के पास एप्लीकेशन लेकर जाइए तो बिना पैसे के काम करती नहीं. हमें एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई. अगर 2 दिन के अंदर खुलासा नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे और डीएम ऑफिस के बाहर दोनों बेटियों के साथ आत्म दाह कर लेंगे. हमको न्याय नहीं मिला तो.’’
विभा सिंह, मृतक पत्रकार की पत्नी

सदर विधायक ने मृतक के परिवार को भरोसा दिलाया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी दो दिन में होगी और नौकरी के साथ-साथ आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी. इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए परिवार राजी हुआ.

बता दें कि मौत से पहले राकेश सिंह ने अपने बयान में कहा था कि वो अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते थे. गांव के प्रधान समेत कई लोगों ने मिलकर जला दिया. पुलिस दो लोगों को हिरासत में लेकर फिलहाल पूछताछ कर रही है.

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वारदात के दिन हुआ क्या-क्या था?

बलरामपुर देहात के ग्राम कलवारी में राकेश सिंह निर्भीक (35) पत्रकार अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहते थे. बीते दिन उनकी पत्नी विभा सिंह बेटियों के साथ अपने रिश्तेदार के यहां गई हुईं थीं. उस रात राकेश अपने एक साथी पिंटू के साथ घर पर थे. आधी रात में कमरे में आग लगी, आग में दोनों झुलस गए. कमरे की एक दीवार भी धमाके के साथ क्षतिग्रस्त हो गई. झुलसने के चलते पिंटू साहू की मौके पर ही मौत हो गई. मौके पर पहुंची फायर सर्विस औऱ पुलिस की टीम ने आग पर काबू पाया और राकेश को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय ले गई.

अस्पताल में राकेश ने कहा था कि वह एक बड़ी खबर लिख रहे थे. इसी वजह से पंच और प्रधान समेत कुछ लोगों ने उसे जिंदा जला दिया. हालांकि उसने अपने बयान में किसी का नाम नहीं लिया है. हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया. पुलिस ने उसे लखनऊ स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती कराया. इलाज के दौरान राकेश ने दम तोड़ दिया.

जिस कमरे में राकेश सिंह निर्भीक औऱ पिंटू साहू के साथ घटना हुई है उस कमरे के दरवाजे में बाहर से ताला बंद था. इन दोनों के मोबाइल भी कमरे के बाहर मेज पर रखे हुए थे. राकेश की पत्नी का कहना है कि ताला उनके घर का नहीं है. कयास लगाया जा रहा है कि कमरे के बाहर का दरवाजा दबंगों ने ही लॉक किया होगा.

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