बिहार (Bihar) के सुपौल जिले के वरिष्ठ पत्रकार महाशंकर पाठक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. घटना शनिवार सुबह की है जब पत्रकार को जख्मी हालत में राघोपुर हुलास स्थित उनके कार्यालय में पाया गया. सुपौल के एक स्थानीय पत्रकार राकेश कुमार के मुताबिक शनिवार सुबह 9:30 बजे महाशंकर पाठक घायल अवस्था में अपने ऑफिस के अंदर मिले. दरवाजे में बाहर से ताला लागा था. अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई.
राकेश ने बताया, ”
जिस घर में महाशंकर पाठक का ऑफिस था, उसी में उनके यहां का एक कर्मचारी भी पत्नी के साथ किराए पर कमरा लेकर रहता था. सुबह जब दरवाजे का ताला तोड़ा गया, तब उस घर में कोई नहीं था.”
महाशंकर पाठक ने काफी समय तक “आर्यावर्त “ हिन्दी दैनिक के लिए काम किया जो कि यहां से छपने वाले प्रमुख अखबारों में शामिल था. बाद में वे “सौभाग्य मिथिला” नाम के टीवी न्यूज चैनल से जुड़े. इन दिनों “आर्यावर्त प्रसंग” नाम की एक पत्रिका निकाल रहे थे.
राकेश कहते हैं, “महाशंकर पाठक बिहार-नेपाल के सीमावर्ती इलाके में पत्रकारिता की दुनिया के जाने-माने नाम थे. उनकी हत्या से कोई सवाल खड़े हुए हैं. हमलोग पुलिस की जांच पर नजर बनाए हुए हैं.
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है, उसकी रिपोर्ट का इंतजार है.” थाना प्रभारी के मुताबिक़, “महाशंकर पाठक के जिस घर में कार्यालय था, उसमें एक पॉल्ट्री फॉर्म भी चल रहा था. पॉल्ट्री फ़ॉर्म भी उन्हीं की थी. घरवालों के बयान और हमारी अब तक की जांच के आधार पर पहला शक पॉल्ट्री फॉर्म में काम करने वाले कर्मचारी पर है जो वहीं रहता था पर घटना के वक्त से लेकर अबतक फरार है.
पत्रकार महाशंकर पत्रकारिता की दुनिया के जाने-माने नाम थे
बता दें कि महाशंकर पाठक ने काफी समय तक “आर्यावर्त “ हिन्दी दैनिक के लिए काम किया जो कि यहाे से छपने वाले प्रमुख अखबारों में शामिल था. बाद में वे “सौभाग्य मिथिला” नाम के टीवी न्यूज चैनल से जुड़े. इन दिनों स्वयं के संपादन में ही “आर्यावर्त प्रसंग” नाम की एक पत्रिका निकाल रहे थे.
क्या कहती है पुलिस?
पत्रकार की हत्या पर सुपौल के राघोपुर हुलास थाना के प्रभारी कहते हैं “प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मृतक के ऊपर तेज हथियार से कई वार किए गए और जब वह अचेत गया तो बाहर से दरवाजा बंद कर दिया गया ताकि मौत ही हो जाए. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है, उसकी रिपोर्ट का इंतज़ार है.”
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