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बुल्ली बाई केस के आरोपियों की काली दुनिया, देखिए वो आपस में क्या बातें करते थे?

नीरज बिश्नोई ने दावा किया था - पुलिस उन्हें कभी पकड़ नहीं पाएगी

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मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार बुल्ली बाई मामले (Bulli Bai Case) के आरोपी ने बताया है कि बुल्ली बाई ऐप के कथित निर्माता नीरज बिश्नोई को भरोसा था कि पुलिस उनका कभी भी पता नहीं लगा सकती. बिश्नोई ने अपने साथियों को दावा किया था कि उन्होंने प्रॉक्सी आईडी का उपयोग करके अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर बहुस्तरीय मास्किंग का इस्तेमाल किया हैं.

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लेकिन मुंबई पुलिस की पहली गिरफ्तारी के बाद बिश्नोई ने जांच को गुमराह करने की कई कोशिशें की जिसमे वो गलतियां कर बैठा. द क्विंट को सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपी एक ट्विटर ग्रुप का हिस्सा थे, जहां मुंबई में बुल्ली बाई ऐप मामले में पहली एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उन्होंने चर्चा की थी.

मुंबई पुलिस की जांच से पता चला हैं कि तीन आरोपी एक-दूसरे को कई महीनों से जानते थे और एक दूसरे के संपर्क में थे. हालांकि वे बुल्ली बाई ऐप के कथित निर्माता नीरज बिश्नोई को सिर्फ उसके ऑनलाइन अकाउंट नाम Giyou से पहचानते थे.

सूत्रों के अनुसार, वे अपने ग्रुप में लगातार देश भर में हो रहे चुनाव, ट्रेंडिंग टॉपिक, झड़प जैसे करंट अफेयर्स पर गहन चर्चा करते थे. इसके अलावा, उन्होंने मीम्स का आदान-प्रदान किया, कई तस्वीरों को मॉर्फ किया और फोटो और वीडियो को एडिट करने की तकनीकों पर भी चर्चा की है.

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सिख और खलिस्तानी नामों के ट्विटर अकाउंट्स क्यों बनाए ?

आरोपी विशाल झा और श्वेता सिंह ने नीरज बिश्नोई के निर्देश पर GitHub पर बनाए गए बुल्ली बाई एप के 'Share on twitter' बटन पर क्लिक करने के लिए कई ट्विटर अकाउंट खोले थे. इसके बाद, बुल्ली बाई से जुड़ा कंटेंट सोशल मीडिया पर फैलाने के लिए इन ट्विटर हैंडल का उपयोग किया. जिसके लिए ट्वीटर पर प्रॉक्सी आईडी से बनाए एकाउंट्स के जरिये बुल्ली बाई ऐप को लाइक, रिट्वीट करने के साथ बोली भी लगाई गई.

सिख और खलिस्तानी नामों के ट्विटर एकाउंट्स बनाने की वजह पूछे जाने पर आरोपियों में से एक ने बयान में कहा है कि Giyou (नीरज बिश्नोई) ने उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म पर बुल्ली को साझा करने के लिए कई ट्विटर हैंडल के लिए सिख और खालिस्तानी नामों का उपयोग करने के लिए कहा था. इसलिए, अब जब तक मुंबई पुलिस को बिश्नोई की हिरासत नहीं मिल जाती, खालिस्तानी नामों के इस्तेमाल के मकसद की जांच के लिए बाधा आ रही है ऐसा मुंबई पुलिस के सूत्रों का कहना है.

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साथ ही, मुंबई साइबर सेल ने आरोपियों के GitHub की एक्टिविटी हिस्ट्री भी हासिल की है, जहां उन्होंने 31 दिसंबर को बुल्ली बाई ऐप पर आठ बार तस्वीरें अपलोड की थी. तकनीकी विश्लेषण के अनुसार Giyou ने पहली बार 13 मई को रात 11.18 बजे सुली को 77 पैसे में बेचे जाने के बारे में ट्वीट किया था. हालांकि, मुंबई पुलिस को अभी तक सुल्ली डील मामले में अन्य आरोपियों के शामिल होने का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.

हालांकि आरोपी किस उद्देश्य से काम कर रहे थे इस दिशा में जांच जारी है. अब तक की जांच में किसी भी तरह के पैसों का ट्रांसेक्शन ट्रेल स्थापित नहीं हुआ है. फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक एविडेंसीस की पड़ताल जारी हैं. जिसके के लिए एक लैपटॉप, चार मोबाइल्स और छह सिम कार्ड्स हिरासत में लिए गए हैं.

बता दे की 10 जनवरी को बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी मयंक रावत और श्वेता सिंह की पुलिस हिरासत 14 जनवरी तक बढ़ा दी है. पुलिस प्रासीक्यूटर प्रसाद जोशी ने पुष्टि की कि विशाल झा कोविड से संक्रमित होने की वजह से उसे मेडिकल ऑब्जर्वेशन के तहत न्यायिक हिरासत में BMC के कलीना क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया है.

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