"हम बहन को पढ़ाना चाहते हैं, इसीलिए उसको दुकान पे काम करने से मना किया था. ओमकार मेरी बहन को करीब 2 सालों से परेशान कर रहा था, 18 फरवरी को उसने बहन पर गंडासे से हमला कर दिया. मेरी बहन के बाल पकड़कर सरेआम ले जाता रहा. लेकिन किसी ने मदद नहीं की."
अस्पताल के बाहर बैठे सोनम (बदला हुआ नाम) का भाई अपनी दर्द भरी कहानी सुनाते हुए भावुक हो जाता है. सोनम अस्पताल में जिदंगी के लिए जंग लड़ रही है.
उस रात क्या हुआ था?
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 18 फरवरी 2023 को एक नाबालिग लड़की पर गंडासे से हमला हुआ था. लड़की का बाल पकड़कर सरेआम सड़क पर ले जाते आरोपी का वीडियो भी वायरल हुआ था. इस दौरान किसी ने भी आरोपी को रोकने की कोशिश नहीं की. नाबालिग गंभीर रूप से घायल हो गई थी. बाद में पुलिस ने आरोपी ओमकार को हिरासत में लिया और फिर पूरे इलाके में आरोपी को कान पकड़वाकर जुलूस निकाला. अब उस घटना की पूरी कहानी सामने आई है.
नाबालिग लड़की के भाई ने क्विंट हिंदी को बताया कि आखिर उस दिन क्या हुआ था.
2020 में कोरोना के समय मेरी बहन ने एक महीना ओमकार की दुकान में काम किया था, उसके बाद से ओमकार परेशान करने लगा. COVID 19 के समय जब लॉक डाउन लगा था उस वक्त वो 9वीं कक्षा में पढ़ रही थी. हमारे घर से आधा किलोमीटर दूर ओमकार तिवारी की किराना दुकान है, वहीं एक महीने के लिए मेरी बहन ने काम पर जाना शुरू किया था. परिवार की माली हालत सही नही थी.
पीड़ित लड़की के भाई ने आगे बताया कि, पिता का कई साल पहले देहांत हो गया था. जिसके-बाद घर की जिम्मेदारी मां ने उठाई. पहले इधर-उधर छुटपुट मजदूरी का काम करके और फिर परांठे की एक छोटी सी दुकान खोलकर मां ने घर संभाला. मां मेहनत देख भाई ने भी पढ़ाई छोड़ दी और एक दुकान में 9 हजार रुपए महीने पर नौकरी करने लगा.
पीड़िता के भाई ने बताया कि घर में मुझे नौकरी करते देख, बहन ने भी नौकरी करने का सोचा. इसी दौरान वो 2020 में ओमकार तिवारी के यहां नौकरी पर लग गई. लेकिन हमें अंदाजा नहीं था कि एक दिन यही ओमकार तिवारी उसपर जानलेवा हमला कर देगा.
भाई ने बताया,
कुछ दिन बाद मां और मैंने उसे नौकरी छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा. उसने नौकरी तो छोड़ दी, लेकिन ओमकार तिवारी ने उसका पीछा करना चालू कर दिया. वो कई बार हमारे घर आया और मां को पूजा को दोबारा काम पर भेजने के लिए कहता. मेरी मम्मी ज्यादातर ओमकार तिवारी की हरकतों को मुझे नहीं बताती थी कि कहीं मैं जाकर लड़ाई न कर लूं. मम्मी को लगता था की क्यों समस्या मोल लेना. एक बार मुझे पता चला था तो मैंने जाकर ओमकार से बात की थी, थोड़ी हाथापाई भी हुई थी मुझे लगा था कि इसके बाद ओमकार तिवारी मेरी बहन को परेशान नहीं करेगा, लेकिन उसने तो हमला ही कर दिया."
परिवार वाले चाहते हैं कठोर कारवाई
पीड़िता के भाई का कहना है कि उन्हें किसी से शिकायत नहीं है लेकिन अब ओमकार तिवारी को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए. पीड़िता का भाई आगे कहते हैं, "भईया हम लोग अपनी जिंदगी जी रहे थे, ओमकार ने मेरी बहन पर हमला कर दिया, उसकी जान लेने की कोशिश की. हमारी सुनवाई होनी चाहिए और उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए".
मामले को लेकर रायपुर पुलिस ने कहा, 'एक घंटे के अंदर आरोपी ओंकार तिवारी उर्फ मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया. धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया. आरोपी मसाला सेंटर गुढ़ियारी का संचालक है, जिसके यहां पीड़ित पूर्व में काम करती थी.'
बता दें कि ओमकार तिवारी ने 18 फरवरी को लड़की का बाल पकड़ रोड पर घसीटा, गंडासे से हमला किया था. नाबालिग की मदद के लिए न तो पुलिस पहुंची थी न ही आने जाने वाले लोगों में हस्तक्षेप किया था. इस दौरान किसी ने भी आरोपी को रोकने की कोशिश नहीं की. फिलहाल नाबालिग गंभीर रूप से घायल है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ओंकार तिवारी ने उस दिन लड़की को अपने साथ घूमने चलने के लिए कहा था, लेकिन लड़की ने इंकार कर दिया था. जिसके बाद शाम को सड़क पर जब उसने लड़की को देखा तो उसने गंडासे से हमला कर दिया.
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