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मेवात के साइबर ठगों ने जामताड़ा को पछाड़ा, 'सेक्सटॉर्शन' बन रहा हथि‍यार- 2024 में अंकुश लगेगा?

Cyber Crime India: दिल्ली पुलिस मेवात से एक्टिव युवा स्कैमर्स की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रही है.

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Cyber Crime: हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक फैला मेवात (Mewat) क्षेत्र जामताड़ा के नक्शेकदम पर चलते हुए 2023 में साइबर अपराधियों का नया केंद्र बनकर उभरा है.

सैटेलाइट कस्बों और गांवों के घोटालों के लिए उत्‍पत्ति स्‍थल बनने के साथ, मेवात साइबर ठगों ने सेक्सटॉर्शन को अपनी नवीनतम कार्यप्रणाली के रूप में पेश किया है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक अनोखी चुनौती है.

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300-400 व्यक्ति प्रतिदिन घोटालों का शिकार होते हैं

रिपोर्टों से पता चलता है कि लगभग 300-400 व्यक्ति प्रतिदिन इन घोटालों का शिकार होते हैं, प्रत्येक धोखेबाज 3,000 रुपये तक कमाता है. मेवात के तीन जिले सामूहिक रूप से 8,000 से अधिक साइबर अपराधों की रिपोर्ट करते हैं, इसके परिणामस्वरूप 1.6 करोड़ से 2.4 करोड़ रुपये तक की वित्तीय हानि होती है.

नवंबर में राजस्थान से हुई थी एक की गिरफ्तारी

नवंबर में, 22 वर्षीय एक व्यक्ति को एक पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करने, व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से युवा महिलाओं के नग्‍न वीडियो प्रदर्शित करके वरिष्ठ नागरिकों को धोखा देने और बाद में उनके मोबाइल स्क्रीन के स्क्रीनशॉट कैप्चर करके पीड़ितों से जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

आरोपी की पहचान राजस्थान के डीग जिले के रहने वाले रिजवान के रूप में हुई. वह खुद को क्राइम ब्रांच का एसीपी विक्रम राठौड़ बताता था.

यहां यह उल्लेखनीय है कि बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने फिल्म "राउडी राठौड़" में एसीपी विक्रम राठौड़ की भूमिका निभाई थी और इस नाम का उपयोग साइबर ठगों द्वारा लोगों को ठगने के लिए अक्सर किया जा रहा है.

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अलग- अलग नंबरों से आता है कॉल 

पुलिस के अनुसार, 18 जुलाई को टी. अग्रवाल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें एक अज्ञात व्हाट्सएप वीडियो कॉल आया, इसमें एक नग्न लड़की थी, इस दौरान उसके चेहरे को कैप्चर करते हुए एक स्क्रीनशॉट लिया गया था.

कुछ ही समय बाद, उन्हें दो अलग-अलग नंबरों से कॉल आईं, कॉल करने वालों ने खुद को साइबर क्राइम दिल्ली से होने का दावा किया और दावा किया कि कथित स्क्रीनशॉट प्रसारित होने वाला है.

वे पीड़ित को धमकाने लगे और बड़ी रकम की मांग करने लगे. अन्यथा, वीडियो सार्वजनिक कर दिया जाएगा और उसे गिरफ्तारी का सामना करना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त, कथित व्यक्तियों ने पीड़ित को व्हाट्सएप के माध्यम से एक मृत लड़की की तस्वीर और एक पुलिस वारंट भेजा.

धमकियों से डरकर शिकायतकर्ता ने जालसाज द्वारा दिए गए बैंक खाते में लगभग 12,80,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए.

सेना का जवान  बता करता था ठगी

एक अन्य मामले में, दिल्ली पुलिस ने इस साल एक 55 वर्षीय साइबर जालसाज को भी गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर खुद को सेना का जवान बताया था और एक स्कूल के लिए तार खरीदने के बहाने एक तार निर्माता को धोखा दिया था.

आरोपी की पहचान हरियाणा के नूंह जिले के निवासी अली मोहम्मद के रूप में हुई.

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यह गिरफ्तारी 10 जून को पुलिस को शाहदरा क्षेत्र के निवासी अंकित गर्ग की शिकायत मिलने के बाद हुई, जहां वह तार बनाने का काम करता है, उसने आरोप लगाया कि उसे एक सेना अधिकारी का फोन आया था, जिसे सेना के विद्यालयों के लिए तारों की आवश्यकता थी.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2022 के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि देश भर में साइबर अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हुई है, इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

धोखाधड़ी के अधिकांश मामले 64.8 प्रतिशत हैं, जो भारत में साइबर आपराधिक गतिविधियों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों और बढ़ती सार्वजनिक जागरूकता की तत्काल आवश्यकता पर बल देता है.

जैसे-जैसे 2024 नजदीक आ रहा है, यह सवाल उठता जा रहा है कि क्या मेवात साइबर अपराध का केंद्र बना रहेगा या क्या ठोस प्रयासों से इस बढ़ते खतरे पर अंकुश लगाया जा सकता है.

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