वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम
“हमें बताओ कि हमारा अपराध क्या है? हमारे घरों में तोड़फोड़ क्यों की गई? हमारे बच्चों को घुट-घुटकर मरने के लिए क्यों छोड़ दिया गया? "
अशोक नगर मस्जिद के पास के चार घरों में से एक था गुलशन का घर. अशोक नगर हिंदू बहुल इलाका है, जहां कि गली नंबर 5 में स्थित मस्जिद को भीड़ ने आग लगा दी थी और गुंबद के पास एक भगवा झंडा और तिरंगा लगा दिया था. ये 25 फरवरी की घटना है और मस्जिद में तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
इस वारदात के कई घंटों के बाद भी मस्जिद के ऊपर से झंडा नहीं उतारा जा सका है. चश्मदीदों ने क्विंट को बताया कि कैसे भीड़ ने मस्जिद के आसपास की दुकानों और घरों पर हमला किया. तोड़फोड़ की और महंगी चीजों को लूट लिया.
इसी हिंसा के दौरान गुलशन का घर भी खंडहर सा हो गया है. अपना घर हमें दिखाते हुए गुलशन कहती हैं कि “ये सब अब कैसे ठीक होगा?? बेहतर होगा कि मैं अपने बच्चों और खुद को जहर देकर मर जाऊं.”
मस्जिद से सटे जूतों के एक गोदाम के मालिक, दानिश ने याद किया कि कैसे 11-11.30 बजे सुबह उनके इलाके में भीड़ जमा हुई थी, जो जय श्री राम के नारे लगा रहे थी. “पुलिस को जानकारी दी गई थी, लेकिन वो केवल कुछ समय के लिए घटनास्थल पर आए. पुलिस के जाने के बाद, भीड़ वापस आई और हमारे घरों में घुस गई. उन्होंने मस्जिद में भी तोड़फोड़ की. ”
दानिश कहते हैं, “ऐसे बच्चे थे जिनका आग के कारण दम घुट रहा था. हमने उन्हें छतों पर ले जाकर बचाया. हम सभी कल रात अपने रिश्तेदारों के यहां रुके थे. ”
बताया जा रहा है कि सिर्फ एक 64 साल के बुजुर्ग जितेंद्र कुमार ने मस्जिद में तोड़फोड़ के वक्त विरोध जताया और शांति की अपील की थी. जितेंद्र कहते हैं, “मैंने भीड़ से सामना किया, उनसे हंगामा न करने की अपील की. वे सभी बाहरी थे. वो जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे हमारे पड़ोसियों को नुकसान न पहुंचाएं जो लंबे समय से हमारे साथ रह रहे हैं.”
जितेंद्र का कहना है कि मस्जिद में ऐसा तोड़फोड़ देखना दुर्भाग्यपूर्ण था. ''मैं उन्हें रोकने में सफल नहीं हो सका.उन्होंने मेरे घर पर भी पत्थर फेंके.”
इलाके में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग कहते हैं कि 'मस्जिद पर यूं जय श्री राम का झंडा लटके देखना असहज करता है'
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