यूपी के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले के कस्बा मुरादनगर में एक व्यापारी की दिन दहाड़े हत्या (Murder) हो गई है. व्यापारी अपने मोबाइल की दुकान में था जिसे बाइक पर आए नकाबपोश बदमाशों ने गोली मारी. ये हत्या जहां हुई वहां ठीक सामने पुलिस चौकी बनी है. फिलहाल हत्या की वजह सामने नहीं आई है लेकिव माना जा रहा है कि प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हुआ था.
43 वर्षीय व्यापारी मुकेश गोयल रोज की तरह ही अपनी दुकान पर पहुंचे जिसके 20 मिनट बाद ही अचानक दो बाइक सवारों व्यापारी पर तीन गोलियां चलाई, जिसमें से एक गोली व्यापारी के सिर में लगी और दूसरी कंधे पर, वहीं तीसरी गोली मिस हो गई. यही नहीं हत्यारे ने दहशत फैलाने के लिए हत्या के बाद सड़क पर खुलेआम दो राउंड फायरिंग भी की जिसके बाद वह फरार हुआ.
व्यापारी की दुकान रेलवे रोड पुलिस चौकी के ठीक सामने है. गोलियों की आवाज सुनते ही आसपास के व्यापारी जमा हुए और मुकेश को गाजियाबाद के नेहरूनगर स्थित यशोदा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. डॉक्टरों के अनुसार, मुकेश गोयल अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए थे. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
DCP रवि कुमार ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है, डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने भी पहुंचकर छानबीन की है. वारदात के खुलासे में क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया है.
आज सुबह करीब 9 बजे मुरादनगर में रेलवे रोड पर मुकेश गोयल नामक व्यक्ति अपनी टेलीकॉम की दुकान पर बैठे हुए थे. जिन्हें अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली मारी गई है. थाना मुरादनगर पुलिस द्वारा विधिक कार्यवाही की जा रही है. फील्ड यूनिट, क्राइम ब्रांच टीम मौके पर पहुंच गई है. पुलिस टीमों का गठन किया गया है. घटना का जल्द खुलासा किया जायेगा.DCP रवि कुमार
सूत्रों के अनुसार, इस वारदात में मकान के लेनदेन का विवाद सामने आ रहा है. दरअसल, मुकेश गोयल ने कुछ दिनों पहले रेलवे रोड पर ही एक मकान बेचा है. इस मकान का सौदा 90 लाख रुपए में तय हुआ था. 50 लाख रुपए की रकम मुकेश को मिल चुकी थी लेकिन 40 लाख रुपए के लेनदेन को लेकर उनका दूसरे पक्ष से कुछ विवाद था. इस हत्याकांड में मुरादनगर थाने के गैंगस्टर शेखर चौधरी के नाम की भी चर्चाएं हैं.
खबर ये है कि शेखर इस विवाद में शामिल था. शेखर पर हत्या, लूट, रंगदारी के 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं और फिलहाल वो गाजियाबाद की जेल में बंद है. पिछले दिनों हुए एक और हत्याकांड में भी शेखर का ही नाम आया था.
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