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"बेटे को क्यों मार डाला" सूचना सेठ से पति ने की मुलाकात, पुलिस पूछताछ में क्या बताया?

Goa Murder: सूचना सेठ के पति से चार घंटे से अधिक समय तक पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें रिश्ते और तलाक को लेकर पूछताछ की गई.

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गोवा (Goa) के कैलंगुट पुलिस स्टेशन में शनिवार, 13 जनवरी को CEO सूचना सेठ से उसके पति वेंकटरमन का पहली बार सामना हुआ. पुलिस स्टेशन में अपना बयान दर्ज कराने के बाद सूचना के पति ने उससे मिलने की इच्छा जताई. मिलने के बाद वेंकटरमन ने सूचना से पूछा कि उसने बच्चे को क्यों मार डाला? जवाब में सूचना ने कहा उसने बेटे की हत्या नहीं की है. बेटे के मर्डर के वक्त वेंकट रमन इंडोनेशिया में थे.

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बेंगलुरु स्थित एक टेक-स्टार्ट-अप की सीईओ सूचना सेठ पर गोवा के एक होटल में अपने चार साल के बेटे की हत्या करने और फिर शव के साथ कर्नाटक भागने की कोशिश करने का आरोप है.

पुलिस के अनुसार, सूचना सेठ ने पूछताछ में बताया कि उसने अपराध नहीं किया है, बल्कि घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों के लिए अपने अलग हो रहे पति को जिम्मेदार ठहराया है.

पुलिस अधिकारीओं ने जानकारी दी "वेंकटरमन ने गुस्से में पूछा 'तुमने ऐसा क्यों किया?' उसने जवाब दिया, 'मैंने बेटे की हत्या नहीं की है.' एक छोटी बहस हुई, जहां दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया.

13 जनवरी की दोपहर वेंकट पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने वकील के साथ गोवा पहुंचे. पुलिस ने कहा कि चार घंटे से अधिक समय तक दर्ज किए गए उनके बयान में, अधिकारियों ने उनके रिश्ते और तलाक की कार्यवाही के बारे में पूछताछ की, जो छह महीने पहले शुरू हुई थी.

वेंकट के वकील ने क्या कहा?

सूचना के पति के वकील अजहर मीर ने 13 जनवरी को मीडिया से बात की. मीर ने कहा कि उनके मुवक्किल वेंकट के लिए यह पूछना "अर्थहीन" था कि उनके बेटे को "क्यों" मारा गया. उन्होंने कहा कि वे केवल संभावित कारण का अनुमान लगा सकते हैं. उन्होंने कहा, पिछले एक साल में बेंगलुरु की पारिवारिक अदालत - जहां बच्चे की कस्टडी का मामला चल रहा था - ने उनके मुवक्किल के पक्ष में लगातार आदेश दिए हैं.

वेंकटरमण को ‘क्यों’ में कोई दिलचस्पी नहीं है. उनका बेटा चला गया है और उनकी पत्नी ने ऐसा क्यों किया, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता (उनके लिए)... शायद वह नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा अपने पिता से मिले या उनके बीच अच्छे संबंध बनें. इसीलिए मामले दर्ज किए गए. सबसे पहले, अदालत ने वेंकटरमन को अपने बेटे से फोन और वीडियो कॉल पर बात करने की अनुमति दी थी. और बाद में, अदालत ने उन्हें पब्लिक प्लेस पर पखवाड़े में एक बार अपने बेटे से मिलने की अनुमति दी. 20 नवंबर 2023 को हालिया आदेश में कोर्ट ने उन्हें हफ्ते में एक बार (रविवार को) सुबह से शाम तक अपने बेटे से मिलने की इजाजत दी थी. शायद वह इस बात से परेशान थी कि जिस मामले में उसे लगता था कि वह पीड़िता है, अदालत उसके पिता के पक्ष में आदेश पारित कर रही है...''
वकील अजहर मीर
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मीर ने कहा, वेंकटरमन आखिरी बार अपने बेटे से 10 दिसंबर को मिले थे और पिछले चार हफ्तों से वह अपने बेटे को अपने पिता से मिलने की इजाजत नहीं दे रही थीं.

मीर ने कहा, "अदालत के आदेश का पालन करने के लिए उनसे कई बार अनुरोध किया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. कथित हत्या से एक दिन पहले 6 जनवरी को, सूचना ने वेंकटरमन को ईमेल करके 7 जनवरी को बेंगलुरु में एक स्थान पर अपने बेटे को लेने के लिए कहा था. वह सुबह 10 बजे वहां गए और एक घंटे तक इंतजार किया.

उन्होंने व्हाट्सएप टेक्स्ट और ईमेल भेजकर कहा कि वह इंतजार कर रहे हैं और पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है. जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो वह उस रात एक सप्ताह के लिए किसी काम से जकार्ता के लिए रवाना हो गए."

उन्होंने कहा कि कोई शिकायत दर्ज करने या न्याय की अपील करने का कोई मतलब नहीं है.

“बच्चे को क्या न्याय मिलेगा? शायद एक समाज के तौर पर हम कहेंगे कि न्याय होना चाहिए. लेकिन... जो गया वो वापस नहीं आने वाला... इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है या हारता है. इसमें नुकसान बच्चे का ही हुआ. मुझे नहीं लगता कि उन्हें (वेंकटरमण) परवाह है कि उनके बाद क्या होगा. चाहे सुचना जेल जाए या उसे जमानत मिले या उसे दोषी ठहराया जाए या नहीं.

“बच्चे को क्या न्याय मिलेगा? शायद एक समाज के तौर पर हम कहेंगे कि न्याय होना चाहिए. लेकिन... जो गया वो वापस नहीं आने वाला... इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है या हारता है. इसमें नुकसान बच्चे का ही हुआ. मुझे नहीं लगता कि उन्हें (वेंकटरमण) परवाह है कि उनके बाद क्या होगा. चाहे सुचना जेल जाए या उसे जमानत मिले या उसे दोषी ठहराया जाए या नहीं."
वकील अजहर मीर
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इस दावे पर कि वेंकटरमन अपनी पत्नी को परेशान कर रहे थे, मीर ने कहा, “यह सब झूठ है. हमें नहीं पता कि उनके बीच क्या हुआ. कोर्ट में मामले की बहस चल रही थी. लेकिन, अगर हम मान भी लें कि उत्पीड़न हुआ था, तो बच्चे की क्या गलती थी? बच्चे पर गुस्सा निकालने की क्या जरूरत थी?”

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