जम्मू-कश्मीर पुलिस के DGP दिलबाग सिंह ने बताया है कि आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए DSP देविंदर सिंह की बर्खास्तगी की सिफारिश की गई है और सरकार इस पर फैसला लेगी.
देविंदर सिंह को 11 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ पकड़ा गया था. पुलिस के मुताबिक, देविंदर आतंकवादियों को राज्य से बाहर निकलने में मदद कर रहा था, क्योंकि बनिहाल पार कर लेने के बाद जम्मू तक कोई नहीं रोकता और जम्मू की सरहद पार करने के बाद राज्य के बाहर निकलना आसान था. 26 जनवरी से महज 2 हफ्ते पहले हुई इस गिरफ्तारी ने कश्मीर से दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया.
कहां-कहां खामी रह गई, पता लगाने में जुटी पुलिस!
आईएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि श्रीनगर और जम्मू दोनों हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई है और संवेदनशील जगहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सभी उपचारात्मक उपाय किए गए हैं.
सूत्रों ने कहा, "सभी सुरक्षा कर्मचारी, जिनकी ड्यूटी अभी तक हवाई अड्डे पर थी, उन्हें ट्रांसफर कर दिया गया है और उनकी जगह नए कर्मचारियों को लगा दिया गया है."
श्रीनगर हवाई अड्डे पर देविंदर सिंह के कार्यालय को पहले ही सील कर दिया गया था, ताकि कोई भी सबूतों के साथ छेड़छाड़ न कर सके.
राज्य पुलिस, राज्य खुफिया, अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी शनिवार को गिरफ्तारी के बाद देविंदर सिंह से पूछताछ कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि जब अन्य एजेंसियां गिरफ्तार पुलिस अधिकारी से पूछताछ पूरी कर लेगी, तब एनआईए उसे अपनी हिरासत में लेगी.
सिंह को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह शनिवार को अपनी निजी कार में आतंकवादियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा रहा था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार अधिकारी की गतिविधियां कुछ समय से उनके रडार पर थीं.
सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार अधिकारी पूछताछ करने वाले अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है. सूत्रों ने कहा,
“हम उसके आतंकियों के साथ सांठगांठ के पहलुओं को जोड़कर देख रहे हैं. उसके साथ गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों से अलग-अलग पूछताछ की जा रही है, ताकि देविंदर सिंह के साथ उनके जवाब को मिलाकर देखा जा सके.”
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि देविंदर सिंह की कई वर्ष से आतंकवादियों के साथ सांठगांठ चल रही थी. उसके आतंकवादियों के साथ संबंध शायद तब से हैं, जब वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद विरोधी विशेष अभियान समूह (एसओजी) में तैनात था.
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