"हमारी बेटी समाज की सेवा करना चाहती थी और दूसरों की जान बचाना चाहती थी. और देखिए उसके साथ क्या हुआ...", कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की मां ने रोते हुए कहा.
9 अगस्त की सुबह, सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर उनकी बेटी का अर्धनग्न शव मिला था. कथित तौर पर एक सिविक वॉलंटियर ने ट्रेनी डॉक्टर साथ रेप किया और फिर हत्या कर दी. सिविक पुलिस वॉलंटियर को अस्पतालों में भर्ती निचले रैंक के पुलिस अधिकारियों की सहायता के लिए नियुक्त किया जाता है, जो जरूरत पड़ने पर सहायता करते हैं.
कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 (रेप) और 103/1 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है.
इस वारदात के बाद बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया. कोलकाता सहित देश के अन्य शहरों में डॉक्टरों और नर्सों ने विरोध प्रदर्शन किया.
कैसे एक हेडफोन से गिरफ्त में आया आरोपी?
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, घटना शुक्रवार रात की है. पीड़िता सेमिनार रूम में अपने चार दोस्तों के साथ डिनर करते हुए नीरज चोपड़ा का ओलंपिक मुकाबला देख रही थी. जिसमें उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसके बाद उसके तीन दोस्त चले गए और वो आराम करने के लिए वहीं रुक गई.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में 31 वर्षीय पीड़िता के शरीर पर चोट के कई निशान मिले हैं. उसके प्राइवेट पार्ट्स से भी खून बह रहा था और अन्य जगहों पर भी चोटें थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की कॉलरबोन भी टूटी हुई थी. माना जा रहा है आरोपी से खुद को बचाने के दौरान ये टूटी हो.
जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों ने द क्विंट को बताया कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को घटना की रात करीब 4 बजे अपने कानों में ब्लूटूथ ईयरफोन लगाकर सेमिनार हॉल में जाते हुए देखा गया. हालांकि, करीब 40 मिनट बाद जब वह बाहर निकला तो उनके कान में ईयरफोन लगा हुआ नहीं था. इसके बाद सुबह करीब 7.30 बजे ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला. बाद में जब पुलिस ने हेडफोन को आरोपी के मोबाइल से कनेक्ट करने की कोशिश की तो वो कनेक्ट हो गया.
'इस घटना ने हमें तोड़ दिया है'
मृतका के माता-पिता ने कहा कि वे न्याय चाहते हैं और उन्हें राज्य सरकार और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मृतका की मां ने कहा, "इस जघन्य अपराध से पहले हमने आखिरी बार रात करीब 11 बजे उससे बात की थी. हम उसकी शादी की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन इस घटना ने हमें तोड़ दिया है."
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने 10 अगस्त को लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पीड़ित परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा, "हम इस घटना से बेहद दुखी, क्रोधित और व्यथित हैं. हम परिवार के सदस्यों, डॉक्टरों और छात्रों के साथ खड़े हैं. हमने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया और इस संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. हमें घटनास्थल पर कुछ सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर उसे (संजय) गिरफ्तार किया गया है."
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने द क्विंट को बताया कि आरोपी अक्सर आरजी कर अस्पताल में ही तैनात रहता था और अस्पताल के अलग-अलग विभागों में आसानी से आ-जा सकता था. पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में आरोपी के मोबाइल में कई आपत्तिजनक वीडियो और फोटो मिले हैं, जिसके बाद कहा जा रहा है कि उसे पोर्नोग्राफी की लत हो सकती है. उसे पहले भी महिला सहकर्मियों के प्रति असम्मानजनक व्यवहार के लिए फटकार लगाई जा चुकी है.
'इसके बाद रात में काम करना मुश्किल होगा'
इस घटना के बाद से चिकित्सा जगत में शोक की लहर है. डॉक्टर और मेडिकल छात्र इस जघन्य अपराध के खिलाफ एकजुट हैं और न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं.
आरजी कर कॉलेज के 38 वर्षीय पूर्व छात्र डॉ. सम्स मुसाफिर ने कहा, "यह दुखद है कि अस्पताल में ऐसी घटना हुई और सेमिनार हॉल में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे. हम इस घटना की हाईकोर्ट जज के नेतृत्व में न्यायिक जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को जल्द से जल्द सार्वजनिक करने की मांग करते हैं."
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अस्पताल परिसर में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन कर आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है. वहीं अन्य कॉलेजों के छात्रों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने इस घटना की निंदा करते हुए कैंडल मार्च निकाला.
विरोध प्रदर्शन में शामिल आरजी कर मेडिकल कॉलेज की 25 वर्षीय छात्रा मधुरिमा केश ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि इस अपराध में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं और मामले की उचित जांच होनी चाहिए जिससे कि सच्चाई सामने आ सके. यह वाकई बहुत दुखद है कि एक डॉक्टर को इस तरह से अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस घटना से उन कई महिला कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी सवाल उठता है जो देर रात अस्पताल में काम करती हैं."
25 वर्षीय मेडिकल छात्रा श्रेष्ठा चटर्जी ने इस घटना को 'शर्मनाक' बताते हुए कहा, "सरकारी अस्पताल, जहां आमतौर पर चौबीसों घंटे भीड़-भाड़ रहती है, वहां इस तरह की घटना होने के बाद महिला सुरक्षा को लेकर बात करना अजीब लगता है. इस घटना के बाद रात में काम करना बहुत मुश्किल होगा."
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