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मणिपुर हिंसा: 'वो पापा के बिना सोता नहीं'.. अपनों के शव का इंतजार करते दो परिवार

Manipur violence: यह काकचिंग जिले के दो ऐसे युवाओं की कहानी है जिन्हें हिंसक भीड़ ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी

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मणिपुर (Manipur violence) 3 मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. वहां से दर्द और अपनों को खोने की कहानियां लगातार सामने आ रही हैं. यह काकचिंग जिले के दो ऐसे युवाओं की कहानी है जो 4 जुलाई को लापता हो गए थे. इसके अगले दिन सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो आया, जिसने उनके परिवार को दहला दिया.

वीडियो में भीड़ उन्हें प्रताड़ित कर रही. वीडियो के अंत में हथियारबंद बदमाशों ने दोनों को गोली मार दी.

आज तक, उनके शव नहीं मिले हैं. शोक में डूबा परिवार उनके अंतिम क्रिया के लिए उनकी बॉडी का इंतजार कर रहा है.

द क्विंट ने दोनों मृतकों - 26 वर्षीय इरेंग्बाम चिंखेंगन्बा और 33 वर्षीय सागोलशेम नगनलैबा के दुखी परिजनों से मुलाकात की.

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    सागोलशेम नगनलैबा

    (फोटो: बोरुन थॉकचोम/द क्विंट) 

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    इरेंग्बाम चिंखेंगन्बा

    (फोटो: बोरुन थॉकचोम/द क्विंट) 

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    (फोटो: बोरुन थॉकचोम/द क्विंट)

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    (फोटो: बोरुन थॉकचोम/द क्विंट)

'हमारा बेटा हर रात अपने पिता के बारे में पूछता है'

सागोलशेम नगनलैबा के पिता सागोलशेम एबोचाओ ने उस रात की कहानी सुनाई.

उन्होंने कहा कि 4 जुलाई को उनका बेटा और उसका चचेरा भाई इरेंग्बाम चिंखेंगन्बा अपनी बहन से मिलने गए थे. शाम 6 बजे तक उनसे बात हुई थी, लेकिन उसके बाद उनके बेटे का फोन अचानक बंद हो गया.

"हमने पूरी रात उनसे बातचीत करने की कोशिश की, और रिश्तेदारों और दोस्तों को इकट्ठा करके दोनों को खोजने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ."

अगले दिन रात 11 बजे उन्हें वह भयानक फोन कॉल आया जिसमें उनकी मौत की पुष्टि की गई थी.

नगनलैबा के पिता ने दर्द में कहा, "मुझसे वह वीडियो नहीं देखा गया."

सागोलशेम नगनलैबा के पिता के पिता को अपने बेटे की भीख मांगने की आवाज सुनकर बहुत झटका लगा. वीडियो में नगनलैबा कुकी हमलावरों से विनती कर रहा था कि उसका एक बेटा है जिसकी वह देखभाल करता है. पिता ने कहा, "मुझे चिंता है कि उसके 2 बेटों की देखभाल कैसे करूं, क्योंकि मेरी बहू बहुत छोटी है."

सागोलशेम नगनलैबा की पत्नी सागोलशेम सिल्विया के लिए जिंदगी उजड़ सी गयी है.

उन्होंने कहा कि उनका बेटा हर रात अपने पिता के लिए रोता है और उसे इस घटना के बारे में पता नहीं है. उसे नींद नहीं आ रही है.

"मैं अपने बेटे के लिए बहुत दुखी हूं."
सागोलशेम सिल्विया
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'सिविल सेवा परीक्षा के लिए इंफाल आया था मेरा बेटा'

इरेंग्बाम चिंखेंगन्बा के पिता इरेंग्बाम धाना मिटी ने कहा कि उनका बेटा चंडीगढ़ से मास्टर ग्रेजुएट था. दिल्ली में रहने के बाद, वह अपनी सिविल सेवा परीक्षा के लिए इंफाल गए थे.

वह अपने चचेरे भाई के साथ अपनी बहन से मिलने गया और इसी तरह कुछ घंटों के बाद उसका फोन बंद हो गया.

फिर हमने सुना कि कोई वीडियो आया है जिसमें बताया है कि दो युवकों को गोली मारी गई है, तो हमने वीडियो देखा. पहले तो हमें शक हुआ क्योंकि जो शर्ट वह पहनकर यहां से निकला था वीडियो में युवक ने वो शर्ट नहीं पहनी थी. लेकिन बाद में हमें पता चला कि वो हमारा बेटा ही है. उसे बहुत ज्यादा टॉर्चर किया गया और फिर गोली मार दी गई.
इरेंग्बाम चिंखेंगन्बा के पिता

दुखी परिवार न केवल न्याय की मांग कर रहे हैं बल्कि बेटों की बॉडी बरामद होने की भी उम्मीद कर रहा है.

सेकमाई पुलिस स्टेशन में 9 जुलाई को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है.

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