हरियाणा (Haryana) पुलिस ने तथाकथित गौरक्षक मोनू मानेसर (Monu Manesar) को मंगलवार, 12 सितंबर को गिरफ्तार किया था. मोनू की गिरफ्तारी के बाद बजरंग दल (Bajrang Dal), विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और अन्य गौरक्षा दलों ने हरियाणा की बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए नाराजगी जाहिर की है. इन संगठनों से जुड़े लोगों ने बीजेपी सरकार पर मोनू को बचाने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर एक भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मोनू ने 28 अगस्त की शोभायात्रा से पहले 26 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी. गिरफ्तारी के बाद हरियाणा पुलिस ने मोनू को राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया है. राजस्थान पुलिस उससे जुनैद-नासिर हत्याकांड के बारे में पूछताछ कर रही है. बता दें कि मोनू इस हत्याकांड में नामजद आरोपी है.
मोनू की गिरफ्तारी के बाद से स्वघोषित गौरक्षक और बजरंग दल के लोग हरियाणा की बीजेपी सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. इसके अलावा हरियाणा के बजरंग दल समेत कई संगठनों ने मोनू को अपना समर्थन भी दिया है.
मोनू को मुस्लिम वोट बैंक के चलते गिरफ्तार किया- VHP
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने राजस्थान सरकार पर चुनाव से पहले मोनू को गिरफ्तार कर "मुस्लिम वोट बैंक" को साधने की कोशिश का आरोप लगाया है.
विश्व हिन्दू परिषद ने अपने आधिकारिक X (पहले ट्विटर) अकाउंट पर लिखा है, “निर्दोष गौभक्त मोनू मानेसर को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ समय पहले ही राजस्थान पुलिस ने निर्दोष माना था, चुनावों में मुस्लिम वोट बैंक लिए गौभक्त मोनू की गिरफ्तारी हुई है, जो उन्हें बहुत भारी पड़ेगा."
इसके साथ ही विश्व हिन्दू परिषद ने कहा है कि वो मोनू मानेसर की हर तरह से सहायता करेगा और जरुरत पड़ने पर आंदोलन भी करेगा.
मोनू सरकार और पुलिस का काम कर रहा था- बजरंग दल सदस्य
मोनू की गिरफ्तारी के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उसका बचाव करते हुए कहा कि मोनू "सरकार का काम" कर रहा था.
बजरंग दल हरियाणा के सचिव अभिषेक गौड़ ने द क्विंट से बातचीत में कहा," मोनू गुरुग्राम गाय संरक्षण टास्क फोर्स का हिस्सा था, और वह आधिकारिक तौर पर गायों की रक्षा के लिए काम कर रहा था. मैं भी उस टास्क फोर्स का हिस्सा हूं और हमने मिलकर कई सौ गायों को तस्करी से बचाया है. हम मूल रूप से सरकार और पुलिस का काम कर रहे थे. और अब उन्होंने हमें बलि का बकरा बना दिया है."
मोनू के इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किए गए 'गौरक्षा' से जुड़े वीडियो में अभिषेक गौड़ को भी देखा जा सकता है. क्विंट ने पहले बताया था कि कैसे मोनू हरियाणा सरकार द्वारा अधिसूचित गाय संरक्षण टास्क फोर्स का हिस्सा था.
गौड़ ने आगे कहा, "राजस्थान की कांग्रेस सरकार जाहिर तौर पर मोनू को पकड़ने की फिराक में थी. लेकिन हरियाणा की बीजेपी सरकार जानती है कि हम गौरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. हम निराश हैं कि सरकार ने उसे गिरफ्तार होने दिया."
इसके साथ ही उन्होंने कहा,"इन सब मामलों में नाम आने के बाद मोनू लो-प्रोफाइल मेंटेन कर रहा था. हमें अपने मिशन पर अकेली ही जाना पड़ रहा है और यह सब उसके बिना आसान नहीं है."
बजरंग दल फरीदाबाद के प्रमुख आकाश प्रजापति उर्फ बाबा ने कहा कि "मोनू का गौरक्षा में अतुलनीय योगदान रहा है".
मोनू मानेसर के करीबी और गौरक्षक सागर भालिया ने कहा कि "मोनू की गिरफ्तारी के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में गुस्सा है, सरकार ऐसा क्यों कर रही है हमें नहीं पता. मोनू वफादारी से गायों की रक्षा करता था और समाज की भी मदद करता था."
सोशल मीडिया पर मोनू के समर्थन में उतरे लोग
दक्षिणपंथी संगठनों और तथाकथित गौरक्षक सोशल मीडिया पर मोनू के समर्थन में उतर आए हैं.
इंस्टाग्राम पर लगभग छह लाख फॉलोअर्स वाली दक्षिणपंथी यूट्यूबर आयुषी बिष्ट ने मोनू की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उसने कहा, “ हिंदू तुम्हारी चुप्पी ही लोगों की हिम्मत बन रही है, इसलिए अत्याचार भी सिर्फ हिंदुओं पर और गिरफ्तारी भी सिर्फ हिंदुओं की."
मोनू मानेसर को इस साल के शुरुआत में हुए जुनैद-नासिर हत्या मामले में आरोपी बनाया गया है. क्विंट ने बताया था कि कैसे उनका नाम राजस्थान पुलिस की चार्जशीट में भी आया था. फिर 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा में भी मोनू का नाम सामने आया.
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